राकेश तिवारी की रिपोर्ट
गोरखपुर, यूक्रेन से गोरखपुर लौटे मेडिकल छात्रों ने एक बार फिर देश में पढ़ाई पूरी करने के लिए अवसर देने की मांग की है। प्रेस क्लब में हुई पत्रकारवार्ता में मेडिकल छात्रों के अभिभावक डॉ. केबी गुप्ता, रवींद्र कुमार सिंह, रमेश कुमार पांडेय ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग (एनएमसी) को नीति बनाने के निर्देश दिए थे लेकिन इसमें जान- बूझकर देर की जा रही है। कुछ एजेंट नहीं चाहते कि यूक्रेन से आए मेडिकल छात्र देश में पढ़ाई पूरी कर सकें।
सरकार ने अंतिम वर्ष के छात्रों को देश में इंटर्नशिप की सुविधा दे दी लेकिन अन्य छात्रों के लिए अब तक कोई निर्णय नहीं लिया गया।
सरकार ने यूक्रेन जाने पर लगाई है रोक
यूक्रेन के मेडिकल कॉलेज में ऑनलाइन क्लास चला रहे हैं लेकिन एनएमसी ने साफ कर दिया है कि ऑनलाइन कक्षा वाले मेडिकल छात्रों को देश में मान्यता नहीं दी जाएगी।
सरकार ने यूक्रेन जाने पर रोक लगा दी है। ऐसी स्थिति में मेडिकल छात्रों का भविष्य बचाने के लिए देश में पढ़ाई की व्यवस्था जल्द से जल्द होनी चाहिए। इस दौरान डा. यूएस नाग, अतुल कुमार श्रीवास्तव, नरेंद्र कुमार दुबे, सैयद नजमुल हक, राम नारायण, रामायण यादव आदि मौजूद रहे।
जान जोखिम में डालकर जाने को तैयार कुछ छात्र
अभिभावकों का कहना है कि देश में कोई निर्णय न हो पाने के कारण भविष्य को देखते हुए कुछ छात्र जान जोखिम में डालकर यूक्रेन जाने की तैयारी में जुट गए हैं। यह छात्र सीधे यूक्रेन तो जा नहीं सकते, वह पोलैंड या हंगरी जाएंगे, वहां से यूक्रेन में दाखिल होंगे। यह खुद के जान से खेलने जैसा निर्णय है।
छात्रसंघ चुनाव के लिए कुलपति से मिले छात्र
छात्रसंघ चुनाव के लिए छात्रनेता योगेश प्रताप सिंह के नेतृत्व में छात्रों के एक प्रतिनिधिमंडल ने शनिवार को दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. राजेश सिंह से मुलाकात की। इस दौरान छात्रों ने छात्रसंघ चुनाव के महत्वपूर्ण पहलू पर विस्तार से चर्चा की।
योगेश सिंह ने बताया कि कुलपति ने उन्हें जानकारी दी कि सत्रारंभ स्नातक और परास्नातक प्रथम सेमेस्टर के प्रवेश प्रक्रिया के संपन्न होने के बाद ही माना जाएगा। इसके संदर्भ में विश्वविद्यालय बकायदा नोटिफिकेशन भी जारी करेगा। प्रतिनिधि मण्डल में नितेश मिश्रा, आर्या यादव, गौरव वर्मा और सत्यम सिंह आदि शामिल रहे।
Author: samachar
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