आर के मिश्रा की रिपोर्ट
बहराइच। यूपी के टाप 50 भू माफिया में चिन्हित देवेन्द्र प्रताप सिंह उर्फ राजेश सिंह उर्फ गब्बर सिंह के विरुद्ध लगभग 11 केस दर्ज कराने वाले पीड़ितों ने कुर्क सम्पत्ति के ध्वस्तीकरण के लिए शिकायतों की मुहिम छेड़ दी है।
पीड़ितों ने पीएम, सीएम, डीजीपी व अन्य अफसरों को शिकायती पत्र भेजा है। उनका मानना है कि अवैध रूप से कब्जाई गई भूमि पर बनाए गए भवन का ध्वस्तीकरण नहीं किया गया है। एक पीड़िता सुधा मातनहेलिया के अपहृत पति का नगर पालिका परिषद में मृत्यु प्रमाणपत्र बनने की जानकारी होने पर यह जंग और तेज हो गई है।
देहात कोतवाली के शिवनगर गोंडा रोड निवासिनी सुधा मातनहेलिया की ओर से दरगाह थाने में तीन, नगर व देहात कोतवाली में एक- एक केस वर्ष 2021 -22 के बीच दर्ज कराए गए हैं। जिनमें सम्पत्ति हड़पने, बंधक बनाकर सम्पत्ति अपने नाम कराए जाने,अपहरण व धमकी आदि की धाराओं में दर्ज कराए गए थे। इन मामले में कार्रवाई न होने से प्रशासन पर सवालिया निशान भी लग रहे थे। 24 जुलाई को अचानक जिला मजिस्ट्रेट व एसएसपी ने गब्बर की डिगिहा तिराहे पर स्थित बंधन रेस्टोरेंट, गेस्ट हाउस व छोटी बाजार स्थित वीरसेन सिन्हा मार्केट की पांच दुकानों का जब्तीकरण कर इन सवालों पर विराम लगा दिया था। पीड़ित पक्ष ध्वस्तीकरण न होने से अभी भी सवाल खड़े कर रहा है।
पीड़िता के मुताबिक प्रशासन ने जो 110 करोड़ की सम्पत्ति जब्त की है। उसमें 25 फीसदी हिस्से का मानचित्र नहीं बनवाया गया है। यही नहीं इसमें 14 विस्वा भूमि सरकारी रास्ते के रूप में दर्ज है। इसके अलावा कई नामी व बेनामी सम्पत्ति पर कब्जा बरकरार है। 11 सम्पत्तियों का उल्लेख प्रशासन करता है। यही नहीं उनके अपह्त पति का पुलिस सुराग नहीं लगा पाई। वहीं नपाप में उनका फर्जी अभिलेख से मृत्यु प्रमाणपत्र बनाया जाना, हो रहे खेल को दर्शा रहा है। उन्होंने बताया इसकी शिकायत पीएम, सीएम, डीजीपी, एडीजी, डीआईजी व एसएसपी से की है।
Author: samachar
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