सीमा किरण की रिपोर्ट
नई दिल्ली। देश के विभिन्न हिस्सों में आए दिन पत्रकारों पर हो रहे हमले और फर्जी मुकदमे दर्ज किए जाने पर “अखिल भारतीय मान्यता प्राप्त वरिष्ठ पत्रकार संघ” ने चिंता जताई है।
जम्मू कश्मीर हो या पंजाब, यूपी हो या बिहार प्रशासनिक अमला से लेकर आपराधिक प्रवृत्ति वाले व्यक्तियों द्वारा पत्रकारिता पर दमनात्मक कार्यवाही करते हुए बाज नहीं आ रहे हैं। इसके पीछे भ्रष्टाचार की मजबूत होती जड़ों को मुख्य कारक बताते हुए संघ की एक विशेष दिल्ली में प्रायोजित बैठक के दौरान उपस्थित देश के नामचीन पत्रकारों ने एकस्वर से आवाज उठाई।
पिछले सप्ताह यूपी के गोंडा जिलांतर्गत मुजेहना विकास खंड के धानेपुर अस्पताल प्रकरण में राष्ट्रीय दैनिक के स्थानीय संवाददाता ‘उमानाथ तिवारी’ पर जिलाधिकारी के आदेश पर दर्ज फर्जी मुकदमा चर्चा में है।
अस्पताल में व्याप्त पर्याप्त भ्रष्टाचार की कुछ बानगी पेश किया जाना उक्त पत्रकार के लिए मुसीबत बन गई और प्रशासन अपनी खामियां छुपाने के लिए दमनात्मक कार्यवाही करते हुए बाज नहीं आई।
उक्त बैठक में उपस्थित पत्रकारों ने सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया कि लोकतंत्र की सुरक्षा के दृष्टिकोण से देश में कहीं भी पत्रकर्मियों के ऊपर दमनात्मक रवैया बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इस संबंध में भारत सरकार के प्रधानमंत्री एवं दिल्ली के मुख्यमंत्री से मिलकर शीघ्र ही पत्रकारों का एक शिष्टमंडल ज्ञापन देगा।
Author: samachar
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