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November 1, 2024 10:57 pm

औरंगाबाद में ठनका गिरने से दो लोगों की मौत

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विरेन्द्र कुमार खत्री की रिपोर्ट

हसपुरा/ औरंगाबाद। औरंगाबाद जिले के हसपुरा थाना अंर्तगत बालाकोल गांव के एक बाधार में ताड़ और शीमश के पेड़ के समीप ठनका गिरने से दो लोगों की मौत हो गई। मृतक उदभानचक गांव के राम प्रसाद चौधरी का 40 वर्षीय बेटा ओम प्रकाश चौधरी और बाघाकोल गांव के हसपुरा थाने के चौकीदार लखन यादव का 38 वर्षीय बेटा रणजीत यादव है। थानाध्यक्ष नरेंद्र प्रसाद ने दोनों को पोस्टमार्टम के लिए जिला मुख्यालय भेज दिया।

मृतक ओम प्रकाश चौधरी ताड़ी बेच रहे थे और रणजीत यादव उसी जगह ताड़ी पीने के लिए गए हुए थे। इसी दौरान अचानक आकाशीय बिजली जोरदार से कड़की। दोनों उसी जगह बेहोश गए। थोड़ी ही देर में गांव में सनसनी फैल गई। घटना की जानकारी मिलते ही दोनों गांव में अफरातफरी मच गया। सैंकड़ों की संख्या में गांव के लोग घटना स्थल पर पहुंचे। आनन फानन में एंबुलेंस से दोनों को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र इलाज के लिए ले आए। चिकित्सा प्रभारी डा. मीना राय ने दोनों को मृत घोषित कर दिया।

थानाध्यक्ष नरेंद्र प्रसाद, विधायक भीम कुमार सिंह, सीओ मो. नुमान अहमद, प्रमुख विजय यादव, पूर्व मुखिया चंद्रशेखर सिंह, सरपंच प्रतिनिधि श्याम किशोर यादव, मुखिया प्रतिनिधि दीपक कुमार, पूर्व प्रमुख लालबाबू सिंह यादव, नंद कुमार उर्फ मुखिया सहित दर्जनों जनप्रतिनिधियों ने जानकारी ली।

दोनों के घरों में मचा कोहराम–
बाघाकोल गांव के मृतक रणजीत यादव और ओम प्रकाश चौधरी की मौत की खबर मिलते ही दोनों के घरों में कोहराम मच गया। घर में परिवार लोग रो-रोकर चिखने-चिलाने लगे। दोनों परिजनों को लोग सांत्वना देकर चुप करा रहे थे। मिली जानकारी के अनुसार रणजीत यादव कुछ दिनों तक हसपुरा थाने का जीप का चालक भी रहे थे। उनका दो बेटी और एक बेटा है। वर्तमान में वह ट्रैक्टर चलाकर अपना जीवन भरण कर रहा था।

वही ओम प्रकाश चौधरी के घर में कोई कमाने वाला नही रहा। उसके घर में एक बुढ़े पिता और पत्नी सहित पांच बच्चों की जिम्मेदारी उसके कंधों पर था। ताड़ी बेचकर अपना जीवन भरण करने वाले ओम प्रकाश का तीन बेटे रवि रंजन, मनीष, अनीश और दो बेटी सुनीता कुमारी और ममता कुमारी है।

मृतक का भतीजा सोनु कुमार और प्रभु चौधरी ने बताया कि एक बेटी ममता कुमारी का शादी इसी थाने के बिरहारा गांव में हुआ है। अपने पिता की मौत की खबर मिलते ही ममता रोते-बिलखते मायके आई। ग्रामीणों ने उचित मुआवजे की मांग किया है।

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Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."