अरमान अली की रिपोर्ट
जम्मू-कश्मीर के राजौरी से पकड़े गए एक आतंकवादी ने खुलासा किया है कि वह भारत में एक आत्मघाती मिशन को अंजाम देने वाले ग्रुप का हिस्सा था। आतंकी तबारक हुसैन को भारतीय सेना ने 21 अगस्त को पकड़ था। उसने तीन-चार आतंकवादियों के साथ नियंत्रण रेखा पर घुसपैठ करने की कोशिश की थी। हाल के हफ्तों में राजौरी और पुंछ जैसे जिलों में नियंत्रण रेखा पर आतंकी गतिविधियों में तेजी आई है।
राजौरी में सेना के अस्पताल में भर्ती आतंकी तबारक हुसैन ने बताया, ‘मैं चार से पांच अन्य लोगों के साथ यहां एक आत्मघाती मिशन पर आया था … पाकिस्तानी सेना के कर्नल यूनुस द्वारा भेजा गया था। उसने मुझे भारतीय सेना पर वार करने के लिए 30,000 रुपये दिए थे।” तबारक ने बताया कि उसके छह भाई है। परिवार में कुल 15 लोग हैं। तारबंदी के पास जब वह फायरिंग से घायल हुआ तो साथी आतंकी उसे छोड़कर भाग गए।
#WATCH | Tabarak Hussain, a fidayeen suicide attacker from PoK, captured by the Indian Army on 21 August at LOC in Jhangar sector of Naushera, Rajouri, says he was tasked by Pakistan Army's Col. Yunus to attack the Indian Army for around Rs 30,000 pic.twitter.com/UWsz5tdh2L
— ANI (@ANI) August 24, 2022
नौशेरा सेक्टर के सेहर मकरी इलाके में रविवार शाम सेना के जवानों ने संदिग्ध हरकत देखी थी। सुरक्षा बलों का सामना करते हुए आतंकवादी एलओसी के पाकिस्तानी की ओर वापस भागने लगा था। अधिकारियों ने कहा, “सैनिकों ने उस पर गोलियां चलाईं और उसे घायल हालत में पकड़ लिया। उसे प्राथमिक उपचार दिया गया और फिर उसे राजौरी में सेना के अस्पताल में भर्ती कराया गया।
पूछताछ में पता चला कि उसे एलओसी पर सेना के ठिकानों को निशाना बनाने के लिए लश्कर-ए-तैयबा के आत्मघाती दस्ते के तौर पर भेजा गया था। अधिकारियों ने बताया कि यह दूसरी बार है जब उसने सीमा पार की है।
इससे पहले 2016 में, उसे आईईडी लगाने की कोशिश करते हुए झंघर क्षेत्र में सैनिकों द्वारा पकड़ा गया था। 26 महीने की कैद के बाद उसे अटारी-वाघा सीमा से वापस लाया गया था।
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."