ज़ीशान मेहदी की रिपोर्ट
समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव के छोटे भाई शिवपाल सिंह यादव और उनके भतीजे पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के बीच चला आ रहा ‘शीतयुद्ध’ जन्माष्टमी पर भी जारी रहा। शिवपाल सिंह यादव ने जहां एक पत्र में ‘कंस’ का उल्लेख करते हुए संदेश देने की कोशिश की वहीं अखिलेश यादव ने भी उनका नाम लिए बगैर ‘दुर्योधन’ का उल्लेख करके पलटवार किया।
अखिलेश ने शुक्रवार को ग्वालियर में यादव समाज के समारोह में कहा कि आप सब लोग जानते हैं कि दुर्योधन ने क्या मांगा था, पूरी सेना मांग ली, लेकिन जीत उसी की हुई जहां पर भगवान श्री कृष्ण जी खड़े थे। बता दें कि इसके पहले श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर बधाई संदेश के लिए शिवपाल सिंह यादव द्वारा जारी की गई चिट्ठी को बड़ी सियासी निशानेबाजी के तौर पर देखा जा रहा था।
इस चिट्ठी में शिवपाल ने लिखा कि जब समाज में कोई ‘कंस’ अपने पिता को छल-बल से अपमानित कर पद से हटाकर अनिधिकृत अधिपत्य स्थापित करता है तो धर्म की रक्षा में मां यशोदा के लाल ग्वालों के सखा योगेश्वर श्रीकृष्ण अवश्य अवतार लेते हैं और अपने योग माया से अत्याचारियों को दंड देकर धर्म की स्थापना करते हैं।
उधर, अखिलेश ने कहा कि सब लोग जानते हैं कि दुर्योधन ने क्या मांगा था, पूरी सेना मांग ली, लेकिन जीत उसी की हुई जहां पर भगवान श्री कृष्ण जी खड़े थे। उन्होंने कहा कि देश में जातिगत आधार पर जनगणना होनी चाहिए लेकिन कुछ दल ऐसा नहीं चाहते हैं। जातिगत जनगणना से पता चल जाएगा कि किस समाज की कितनी जनसंख्या है। हो सकता है यादव नंबर वन हों।
Author: samachar
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