कमलेश कुमार चौधरी की रिपोर्ट
लखनऊ। जिला कारागार में पेशी से लौटा हत्यारोपित मधुकर यादव अपने कपड़ों में सवा दो इंच का चाइनीज मोबाइल छिपा कर ले जा रहा था। मुख्य गेट पर तलाशी में बंदी रक्षक मोबाइल नहीं पकड़ सके पर हाई सिक्योरिटी बैरक में उसकी करतूत पकड़ में आ गई। यहां मौजूद जेलकर्मियों ने मोबाइल बरामद कर उसे पुलिस के सिपुर्द कर दिया। मधुकर के खिलाफ गोसाईगंज कोतवाली में एफआईआर भी करायी गई है। मधुकर मोहनलालगंज व्यापार मण्डल के अध्यक्ष सुजीत पाण्डेय की हत्या की साजिश रचने के आरोप में जेल में बंद है। पुलिस कॉल डिटेल के आधार पर इस मामले में और जानकारी जुटायेगी। उसे मोबाइल उपलब्ध कराने वाले व्यक्ति के खिलाफ भी कार्रवाई की जायेगी।
मधुकर यादव की गुरुवार को पेशी थी। रात करीब आठ बजे उसे अन्य बंदियों के साथ पुलिस वाहन से जेल लाया गया। रात करीब आठ बजे वह जेल के अंदर गया तो मुख्य गेट पर उसकी तलाशी ली गई। बंदी रक्षक को उसके पास मोबाइल नहीं मिला था। इसके बाद वह हाई सिक्योरिटी बैरक जाने लगा। यहां उसने तलाशी से बचने की भी कोशिश की पर जेलकर्मियों ने उसे रोक लिया। फिर उसकी सघन तलाशी हुई तो पैंट के अंदर वाली जेब में उसने चाइनीज मोबाइल छिपा रखा था।
जेलकर्मियों ने पिटाई भी की
जेल सूत्रों के मुताबिक उसने तलाशी का विरोध किया तो उसकी जेलकर्मियों ने पिटाई भी कर दी। इसके बाद उसे बैरक में बंद किया गया। मधुकर व्यापारी नेता सुजीत पाण्डेय की 20 दिसम्बर, 2020 में हुई हत्या में डेढ़ साल से जेल में बंद है। वह पिछले साल जनवरी में गिरफ्तार हुआ था। उसके खिलाफ कई और मुकदमे भी दर्ज हैं। जेल के वरिष्ठ अधीक्षक आशीष तिवारी के मुताबिक मधुकर यादव शुरू से हाई सिक्योरिटी बैरक में विशेष निगरानी में रखा गया है। मुख्य गेट पर उसके पास मोबाइल कैसे नहीं तलाशी में मिला, इस बारे में भी पड़ताल की जा रही है।
जेल में बन्दियों के पास मोबाइल मिलने पर अधिकतम पांच साल की सजा और 20 से 50 हजार रुपये जुर्माने का प्रावधान है। प्रदेश सरकार ने तीन साल पहले ही यह व्यवस्था लागू की थी।
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."