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18 January 2025 6:36 pm

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बहन जिंदगी की भीख मांगती रही और भाई उसे बेदम होने तक मारता रहा; पढ़िए क्या है मामला

37 पाठकों ने अब तक पढा

कमलेश कुमार चौधरी की रिपोर्ट 

पीलीभीत। मरने से पहले शिखा ने हाथ जोड़कर, पैर छूकर भाई अनिल से जिंदगी की भीख मांगी, कहा- कि अब वह कभी छत पर नहीं जाएगी लेकिन अनिल के सिर पर खून सवार था। उसने किसी की नहीं सुनी। मां, भाभी और पत्नी बचाने आईं तो उन्हें धमकी दी कि अगर किसी ने दखल दिया तो उसे नदी में फेंक देगा। आखिर में शिखा की मौत के बाद ही उसके गुस्से की ज्वाला शांत हुई।

विमला देवी ने बताया कि उनके दो बेटे अनिल, राजकुमार और बेटियां मधु, शशि, रुचि के अलावा शिखा थी। शिखा सबसे छोटी थी। शिखा को छोड़कर दोनों लड़कों और तीनों लड़कियों की शादी हो चुकी है। शिखा की शादी की बात चल रही थी। बरेली के फरीदपुर के रहने वाले दरोगा से शादी की बातचीत चल रही थी। शिक्षा शिक्षक बनना चाहती थी। उसने डीएलएड कर लिया था। वह शिक्षा विभाग में रिक्तियां निकलने का इंतजार कर रही थी।

रविवार शाम को घर पहुंचने पर जब अनिल को पता चला कि बहन शिखा छत पर है, इतना सुनते ही उसके सिर पर खून सवार हो गया। सीधे छत पर पहुंचकर शिखा को घसीटते हुए नीचे लेकर आया। यहां बेरहमी से उसे पीटने लगा। अनिल गुस्से में इस कदर पागल हो गया था कि किसी की भी नहीं सुन रहा था। मां विमला देवी ने बताया कि शिखा को जब लगा कि अनिल आज उसे मार ही डालेगा तो खतरा भांपते हुए हाथ जोड़कर और पैर छूकर अनिल से जीवन की भीख मांगी लेकिन अनिल नहीं पसीजा।

पिटाई से बचने के प्रयास में शिखा चारपाई के नीचे घुस गई। अनिल ने चारपाई के नीचे से उसका पैर पकड़कर खींच लिया और पिटाई शुरू कर दी। शिखा के पूरे शरीर पर चोटों के निशान पड़ गए थे। वह शिखा को तब तक पीटता रहा जब तक वह बेदम नहीं हो गई। इसके बाद उसे गले में चुन्नी बांधकर इधर-उधर उसे घसीटता रहा। विमला देवी और शिखा की भाभियां जब उसे बचाने के लिए आगे बढ़ी तो अनिल ने धमकी दी कि अगर कोई दखलंदाजी देगा तो उसे मारकर नदी में फेंक दिया जाएगा। शिखा की मौत के बाद रात भर विमला बेटी के शव के पास बैठी रही। रात में जब अनिल को झपकी लगी तो उसने अपनी बेटियों को फोन करके घटना की जानकारी दी।

ग्रामीण के तंज से आग-बबूला हो गया था अनिल

चर्चा है कि गांव पकड़िया के एक ग्रामीण ने अनिल पर रविवार को तंज कसा था कि उसकी बहन 28 वर्ष की हो गई है और वह उसकी शादी तक नहीं कर पा रहा है। दिन भर बहन छत पर टहलती रहती है। इसी टिप्पणी के बाद अनिल आग बबूला हो गया। घर आया शिखा के बार में पूछा तो पता चला कि वह छत पर टहल रही है। बस यही से उसके सिर पर खून सवार हो गया।

बड़ी बहन के मोबाइल में रिकार्ड हैं शिखा की चीखें

जैतीपुर से आई शिखा की बड़ी बहन रुचि गुप्ता ने बताया कि रविवार दोपहर बाद से ही घर पर झगड़ा चल रहा था। रविवार को शाम को उसने घर पर फोन किया। तब शिखा को पीटा जा रहा था। उसके मोबाइल में शिखा की चीख की रिकार्डिंग भी मौजूद है। अगर पुलिस चाहेगी तो वह साक्ष्य दे देगी। इसके बाद उसने 35 कॉल कीं लेकिन भाई ने कोई कॉल रिसीव नहीं की। वह रात 11 बजे तक संपर्क करती रही।

मां,भाई, भाभियां घर पर मौजूद फिर भी हो गई हत्या

शिख की मौत पर उसकी मां विमला भले ही दावा कर रही हो कि बेटे अनिल ने ही उसे मारा है। लेकिन हालात कुछ और ही इशारा कर रहे हैं। घटना के दौरान मां विमला के अलावा अनिल की पत्नी उसके दूसरे बेटे की बीवी मौजूद थी। चर्चा यह है कि दूसरा बेटा भी मौजूद है। ऐसे में सवाल यह उठ रहा है कि इतने लोग घर में मौजूद होने के बाद भी किसी ने शिखा को बचाया क्यों नहीं।

पुलिस अधीक्षक दिनेश कुमार पी ने बताया कि घटनाक्रम से जुड़े हर पहलू पर जांच की जा रही है। उन्होंने कहा कि इस पूरी घटना में कुछ ऐसा जरूर है जिसे मां नहीं बता रही है। शिखा का मोबाइल कब्जे में लेकर उसकी कॉल डिटेल निकलवाई जाएगी। घटना में अगर एक से अधिक लोग शामिल हैं तो उन पर भी कार्रवाई होगी। फिंगर प्रिंट और फोरेंसिक जांच में इसका पता चल जाएगा। फोरेंसिक टीम के अलावा डॉग स्क्वाड भी मौके पर पहुंचा था।

वर्जन

तमाम बिंदुओं पर जांच चल रही है। अगर घटना में कोई और भी शामिल है तो उसके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।- दिनेश कुमार पी, पुलिस अधीक्षक

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Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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