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27 December 2024 4:33 pm

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कभी अवैध शराब के लिए कुख्यात इस गांव की प्रधान आज विकास और एकता की नई पहचान बना रही है

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कमलेश कुमार चौधरी की रिपोर्ट 

अमरोहा। अवैध शराब के धंधे के लिए बदनाम उत्तर प्रदेश के अमरोहा जिले में स्थित कांकाठेर गांव अब विकास और एकता की नई पहचान बन गया है। भट्टियां चलाने वाले लोग शहरी इलाकों में नौकरी कर रहे हैं। गांव के बुजुर्ग इस बात से खुश हैं कि जिन चौराहों पर लोग लड़ाई-झगड़े करते दिखते थे अब वहां लोग आपसी रोजगार और गांव के विकास की चर्चा करते दिखते हैं। यह सब संभव हुआ है गांव की प्रधान अर्चना के संकल्प और विकासपरक सोच से, जिन्होंने गांव में विकास के बलबूते युवाओं का सोच तो बदला ही साथ ही गांव की छवि भी बदलकर रख दी।

अर्चना बताती हैं कि 24 नवंबर, 2016 को उनकी शादी हरिओम से हुई। वह पंचायती राज विभाग में कंप्यूटर ऑपरेटर के पद पर तैनात हैं। ससुर हरपाल सिंह रेलवे से सेवानिवृत्त हैं। 

अर्चना के अनुसार गांव में जब भी वह निकलतीं तो अवैध धंधों और भागती-दौड़ती पुलिस को देख हैरान रह जातीं। जब भी मौका मिलता तो वह ग्रामीणों को शिक्षित होकर कुछ अच्छा करने के लिए प्रेरित करतीं, लेकिन वह जानती थीं कि इतने भर से कुछ होने वाला नहीं। ऐसे में मार्च 2021 में प्रधान का चुनाव लड़कर गांव को बदलने का फैसला किया। उन्होंने गांव वालों से अपनी चिंता और सोच को साझा किया। गांव का सहयोग उनकी जीत में बदल गया। इसके बाद गांव की तस्वीर ही बदल गई। उन्होंने बताया कि गांव में सरकारी इंटर कालेज, रोजगार के साधन उपलब्ध कराना, हर बेटे-बेटी को शिक्षित बनाना उनकी प्राथमिकता में शामिल है।

जहां कभी शराब की भट्टी जलती थीं अब वहां बैठती है पंचायत

करीब 10 हजार की आबादी वाले इस गांव पर पुलिस की नजरें जमी रहती थीं, लेकिन अब यहां पुलिस का आना तो लगभग ना के बराबर हो गया है। पंचायत वहीं जुटती है, जहां कभी शराब की भट्टी जलती थीं। कांकाठेर गांव के सोमपाल और दाताराम में दुश्मनी थी। डेढ़ साल से चल रहा मुकदमा प्रधान अर्चना की पंचायत के बाद खत्म हो गया। एक साल में ऐसे दर्जनों मामलों का निपटारा गांव की पंचायत में कराया गया है। अधिकांश मामलों में कोई थाने नहीं गया।

हर बिरादरी के करीब 50 गणमान्य लोगों का चयन पंचायत के लिए किया गया है। ये सभी गांव के 10 मुहल्लों के रहने वाले हैं। जिस मुहल्ले में विवाद होता है, उसी की पंचायत बैठती है। जिसकी गलती हुई, उसको फटकारा जाता है और सर्वसम्मति से फैसला लिया जाता है। पुलिस भी अब ग्रामीणों का सहयोग करती है।

गांव में विकास को प्राथमिकता देते हुए अर्चना ने तीन हजार मीटर इंटरलाकिंग सड़क का निर्माण कराया है। गांव के युवा देश के लिए कुछ करने को प्रेरित हों इस उद्देश्य से 30 फीट ऊंची महाराणा प्रताप की प्रतिमा भी स्थापित कराई गई है। अवैध शराब के साथ ग्रामीणों ने उनके समझाने पर जुआ खेलना भी छोड़ दिया।

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Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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