रश्मि प्रभा की रिपोर्ट
बागेश्वर। उत्तराखंड के एक जूनियर हाई स्कूल में हुई एक घटना से जिले में हड़कंप मच गया। बागेश्वर जिले के एक सरकारी स्कूल में कुछ छात्राएं अचानक चिल्लाने, सिर पटकने और रोने लगी। शिक्षकों ने उन्हें काबू में लाने की बहुत कोशिशें की। लेकिन, कोई फायदा नहीं हुआ। स्थिति को बिगड़ता देख स्कूल प्रशासन ने राज्य शिक्षा विभाग को सूचित किया। स्थानीय लोगों के अनुसार इस स्थिति को ‘Mass Hysteria’ या सामूहिक उन्माद कहा जाता है।
इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर खूब देखा जा रहा है, जिसमें कुछ छात्राओं को जोर-जोर से चिल्लाते, रोते और बेहोश होते देखा जा सकता है। वीडियो में एक व्यक्ति हाथ में कुछ सामग्री लेकर बच्चों की नजर उतारता दिख रहा है।
स्कूल की शिकायत के बाद प्रशासन और डॉक्टरों की टीम ने भी उत्तराखंड के बागेश्वर जिले के सुदूर रायखुली गांव का दौरा किया। इसी गांव के एक सरकारी स्कूल में यह पूरा वाकया घटित हुआ। जूनियर हाई स्कूल की प्रधानाध्यापक विमला देवी ने बताया कि बच्चे रो रहे थे, चिल्ला रहे थे, कांप रहे थे, यहां तक कि बिना किसी वजह के जमीन पर अपना सिर ठोकने की कोशिश भी कर रहे थे।
विमला देवी ने कहा कि हमने तुरंत बच्चों के अभिभावकों को सूचित किया, उन्होंने एक स्थानीय पुजारी को बुलाया और इसी तरह स्थिति नियंत्रण में आई। ये घटना सबसे पहले मंगलवार को हुई। इसके बाद जब गुरूवार को राज्य शिक्षा विभाग के अधिकारी दौरा करने के लिए स्कूल आए, तब भी कुछ बच्चे ऐसी ही हरकतें करते नजर आए।
इन बच्चों के माता-पिता का कहना है कि ये स्कूल ‘शापित’ है, जिसके कारण यहां पूजा कराना बहुत जरूरी है। विमला देवी ने कहा कि हम बच्चों को ठीक करने के लिए डॉक्टरों से परामर्श लेने से लेकर स्थानीय पुजारियों की मदद लेने तक सब कुछ करने को तैयार हैं।
बागेश्वर जिले के जिला पंचायत सदस्य ने कहा कि ऐसी घटनाएं पहले भी कई बार सामने आ चुकी हैं। इसे ”Mass Hysteria’ या सामूहिक उन्माद कहा जाता है, जिसमें लोग एकदम से असामान्य हरकतें करने लग जाते हैं। उत्तराखंड के घाटी वाले इलाकों में ये घटना आम है।
राज्य शिक्षा विभाग के सीनियर अधिकारी मुकुल सती ने बताया कि बागेश्वर की घटना के पहले भी ऐसे कई मामलों की शिकायत शिक्षा विभाग में की जा चुकी है। देहरादून, उत्तरकाशी के स्कूलों से भी पिछले साल ऐसी ही घटना सामने आई थी। हमने तत्काल प्रभाव से एक मेडिकल टीम बागेश्वर भेजी है, जो छात्रों और उनके अभिभावकों के डर को दूर करने के लिए स्कूलों का दौरा करेगी।
Author: samachar
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