दुर्गा प्रसाद शुक्ला की रिपोर्ट
जमानत पर जेल से बाहर आने के बाद से समाजवादी पार्टी के दिग्गज नेता आजम खान लगातार सुर्खियों से बने हुए हैं। एक बार फिर उन्होंने बयान दिया है जिसको लेकर वह सुर्खियों में हैं। कभी सियासी गलियारों में दहाड़ने वाले आजम खान को ‘सिकंदर’ न बन पाने का मलाल है। यूपी विधानसभा चुनावों में सपा की सरकार न बन पाने का दर्द भी उनके बयान में छलका जब उन्होंने कहा कि सरकार तो बन नहीं पाई। उन्होंने कहा, “जो जीता वह सिकंदर…सिकंदर तो हम हुए नहीं, बंदर हो गए।”
मीडियाकर्मियों से बात करते हुए सपा विधायक ने कहा, “कभी रामपुर कोर्ट में कभी मुरादाबाद में, कभी लखनऊ में तो कभी मुंबई में…मदारी के बंदर हो गए हैं।” मुरादाबाद के एमपीएमएलए कोर्ट में पेशी के दौरान भी आजम खान का दर्द छलका। सपा नेता 27 महीने सीतापुर जेल में रहने के बाद सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर बाहर आए थे।
जेल से बाहर आने के बाद भी आजम खान की मुश्किलें कम नहीं हुई हैं। उन्हें किसी न किसी मामले में रामपुर या मुरादाबाद कोर्ट में पेशी के लिए जाना पड़ता है। ऐसे में आजम खान जब मीडियाकर्मियों के सामने आए तो तमाम मामलों को लेकर अपनी भागदौड़ पर उन्होंने इशारों ही इशारों में यूपी की योगी सरकार पर तंज किया तो खुद को बंदर बता दिया।
सरकार से मांगी थी जेड श्रेणी की सुरक्षा
कुछ दिनों पहले ही आजम खान ने दावा किया था कि उन्हें धमकियां मिल रही हैं। इसका हवाला देते हुए उन्होंने सरकार से जेड श्रेणी की सुरक्षा दिए जाने की मांग की थी। आजम खान ने कहा था कि उनके परिवार को धमकियां मिल रही हैं। यूपी सरकार को उनकी जेड श्रेणी की सुरक्षा वापस करनी चाहिए। उन्होंने कहा था कि वर्तमान में जो वाई श्रेणी की सुरक्षा मिली हुई है उसका कोई मतलब नहीं है। 2017 से पहले समाजवादी पार्टी की सरकार में आजम खान को जेड श्रेणी की सुरक्षा मिलती थी। लेकिन यूपी में सत्ता बदलने के बाद आजम खान की सुरक्षा घटाकर वाई श्रेणी सुरक्षा कर दी गई थी।
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."