नौशाद अली की रिपोर्ट
बलरामपुर। राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय छपिया सुखरामपुर तक पहुंचने के लिए छात्र छात्राओं को कीचड़ भरे मार्ग से आवागमन करने की मजबूरी है। विद्यालय के बगल करीब दो एकड़ में फैले जलाशय के किनारे से जान जोखिम में डालकर छात्र स्कूल पहुंचते हैं।
10 गांव के 142 छात्र छात्राओं का विद्यालय में दाखिला है। प्रधान रामकेश मौर्या ने मुख्य विकास अधिकारी संजीव कुमार से मिलकर विद्यालय के बगल स्थित जलाशय पर सुरक्षा दीवार बनवाने की मांग की है।
शिक्षा क्षेत्र के छपिया सुखरामपुर में हलौरा, मेहंदिया, प्रतापपुर, लैबुडवा भोजपुर, पिपरी, पिपरा, लौकी, नगई, रहमरवा, संग्रामपुर, भोजपुर, लैबुडवा सहजना गांव से बच्चों का कक्षा नौ व 10 में दाखिला है।
विद्यालय ऐसे स्थान पर है जहां अपने वाहन से शिक्षक भी नहीं पहुंच पाते हैं।
छात्र-छात्राओं को छपिया गांव के बाहर स्थित विद्यालय तक पहुंचने के लिए कीचड़ भरे मार्ग से गुजरना पड़ता है। कच्चा मार्ग होने के कारण बारिश हो जाने पर बच्चों को जूता चप्पल हाथ में लेकर विद्यालय तक जाना पड़ता है।
जलाशय की कटान से विद्यालय भवन को खतरा है। इसी कटान वाले मार्ग से छात्र छात्राएं जान जोखिम में डालकर प्रतिदिन विद्यालय जाते हैं। छुट्टी होने पर सभी शिक्षक बच्चों को लाइन लगवाकर तालाब के बगल के रास्ते को पार कराते हैं।
प्रधान राम केश मौर्या ने बताया कि इसके लिए अतिरिक्त बजट की जरूरत है। मनरेगा से कार्य कराने के लिए मुख्य विकास अधिकारी से मिलकर स्वीकृति मांगी गई है। स्वीकृति मिलने पर सोलिंग एवं सुरक्षा दीवाल का कार्य किया जाएगा।
अभिभावकों ने बताया कि सुखरामपुर से प्रतापपुर संपर्क मार्ग से विद्यालय कच्चा मार्ग आठ सौ मीटर है। पिपरा गांव से छपिया नहर पटरी पर मार्ग से विद्यालय भी कच्चा मार्ग है। ऐसे में विद्यालय पहुंचने में बच्चों को काफी परेशानी होती है। प्रभारी प्रधानाचार्या महिमा विश्वकर्मा ने बताया कि जिला विद्यालय निरीक्षक एवं अन्य अधिकारियों को समस्या से अवगत कराया गया है।
Author: samachar
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