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24 February 2025 3:08 am

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विद्यालय प्रबंधन और ग्रामीण आमने सामने; आरोप प्रत्यारोपों का सिलसिला जारी 

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संवाददाता- विवेक चौबे

गढ़वा : जिले के कांडी प्रखण्ड क्षेत्र अंतर्गत जयनगरा गांव स्थित मध्य विद्यालय में घोर लापरवाही व अनियमितता बरतने का आरोप ग्रामीणों ने लगाया है। इस सम्बंध में ग्रामीणों ने बताया कि उक्त विद्यालय में शिक्षा व्यवस्था ठीक नहीं है। साथ ही ग्रामीणों ने बताया कि बिना अनुमति के शौचालय भी तोड़ दिया गया। एमडीएम में भी घोर अनियमितता बरतने का आरोप ग्रामीणों ने लगाया है। एसएमसी सदस्य विनय कुमार व रविन्द्र साह ने बताया कि वर्तमान संयोजिका का चुनाव कब व किस प्रक्रिया से हुआ है, हमलोगों को जानकारी भी नही है। पूर्व संयोजिका ने इस्तीफा भी दे दी है, इसकी जानकारी है, किन्तु दूसरी संयोजिका का चुनाव कब हुआ है, यह जानकारी नही है। समिति की उपाध्यक्ष कविता देवी ने बताया कि इस विद्यालय में संयोजिका व अध्यक्ष के बीच पैसा को लेकर हमेशा नोकझोंक होते रहता है। इस लड़ाई-झगड़े का दुष्प्रभाव बच्चों पर पड़ रहा है। उसने कहा कि वर्तमान कमिटी को भंग कर दुबारा नए सिरे से चुनाव होना चाहिए। प्रधानाध्यापक हस्ताक्षर करने के लिए भी कभी नही बुलाते। वहीं समाजसेवी बजरंगी मेहता ने बताया कि इस विद्यालय में संयोजिका का चयन फर्जी तरीके से हुआ है। मौके पर उपस्थित अध्यक्ष गुप्तेश्वर नाथ मेहता व अन्य  सदस्यों ने भी इसका समर्थन किया। वहीं रसोइया कुलदीपी कुवँर ने बताया कि कई महीनों से मेरा वेतन बंद है, नहीं मिल रहा है। जब प्रधानाध्यापक से बोली तो उन्होंने 5 हजार रुपए रिश्वत के रूप में मांग की। जबकि रसोइया अनिता देवी ने कहा कि मुझे भी कई महीनों से वेतन नहीं मिला। इस विद्यालय में एक रसोइया का कोई बच्चा नही पढता है, फिर भी वह कार्यरत है। उसने कहा कि मैं आठ महीना से एमडीएम बना रही हूं, मुझे मेरा पैसा मिल जाए मैं स्वंय हट जाऊंगी। 

वहीं प्रधानाध्यापक धीरेन्द्र कुमार पांडेय से पूछने पर उन्होंने कहा कि संयोजिका का चयन प्रक्रिया के तहत हुआ है। यदि कोई त्रुटि थी तो संयोजिका का चयन हुए लगभग 1 वर्ष हो गया। बीच में कोई भी ग्रामीण आपत्ति जाहिर नहीं किया। उन्होंने रसोइया कुलदीपी कुवँर द्वारा 5 हजार रुपए मांग करने का आरोप निराधार व बेबुनियाद बताया। उन्होंने कहा कि अन्य विद्यालयों की अपेक्षा मेरे विद्यालय में शिक्षा व्यवस्था बिल्कुल ठीक है। मेरे विद्यालय का ग्रेड अच्छा है। उन्होंने कहा कि भोजन बनवाने की जिम्मेदारी सरकार ने संयोजिका को दी है। जबकि संयोजिका को दरकिनार करके अध्यक्ष द्वारा मध्यान भोजन बनवाया जाता है। संयोजिका मेन्यू के अनुसार मध्यान भोजन बनाने को कहती है। इसी बात को लेकर अध्यक्ष व संयोजिका के बीच तू-तू, में-में होता रहता है।

मौके पर विनोद मेहता, पप्पू कुमार, रविन्द्र कुमार साह, विनय कुमार मेहता, कुंदन कुमार, जुगुल प्रसाद सोनी, बबी कुमार, ललन मिस्त्री, ललित मिस्त्री सहित दर्जनों ग्रामीण उपस्थित थे।

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Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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