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November 23, 2024 6:23 am

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परिषदीय विद्यालयों को कॉन्वेंट बनाने का प्रशासनिक दावा हवा हवाई

11 पाठकों ने अब तक पढा

दुर्गा प्रसाद शुक्ला की रिपोर्ट 

बलरामपुर। विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों को नवीन शिक्षा सत्र के चार माह बीतने के बाद भी पाठ्य पुस्तकें नहीं मिली। परिषदीय बच्चे पुरानी किताबों के सहारे पढ़ाई करने को मजबूर हैं। हमने परिषदीय स्कूलों में अध्ययनरत बच्चों से पाठ पुस्तकों के संबंध में पड़ताल किया। पाया गया कि अभी तक किसी भी बच्चे को पुस्तकें नसीब नहीं हो सकी हैं। कुछ बच्चे पुरानी किताबों के सहारे पढ़ाई करते दिखे तो कुछ के पास पुस्तकें ही नही थीं।

शिक्षा क्षेत्र श्रीदत्तगंज के कंपोजिट स्कूल सझवल प्रेमनगर में 241 छात्रों में 145 उपस्थित मिले। विद्यालय में अधिकांश बच्चों के पास पाठ्य पुस्तकें नहीं मिलीं। कुछ बच्चे पुरानी किताबों के सहारे पढ़ते मिले। विद्यालय प्रधानाध्यापिका हुस्ना खातून, सहायक अध्यापक विनय वर्मा व कृष्ण कुमार उपस्थित मिले। पूजा सिंह एवं ज्योति त्रिवेदी के अवकाश पर होने की बात कही गई।

यूपीएस आदमपुर विद्यालय में 20 छात्रों के सापेक्ष 14 उपस्थित मिले। प्रधानाध्यापक विनीत सिंह एवं सहायक अध्यापक शशि कपूर बच्चों के कक्ष में मिले। एमडीएम बना पाया गया। विद्यालय में छात्रों को किताबें न मिलने से पढ़ाई प्रभावित होने की बात कही गई। कुछ बच्चे पुरानी किताबों के सहारे पढ़ाई करते पाए गए।

प्राथमिक विद्यालय आदमपुर प्राथमिक विद्यालय आदमपुर में पंजीकृत 140 बच्चों के सापेक्ष 122 उपस्थित मिले। इंचार्ज प्रधानाध्यापिका स्वाति तिवारी चाइल्ड केयर लीव पर मिलीं। वहीं सहायक अध्यापिका सरला वर्मा के चिकित्सा अवकाश पर होने की बात कही गई। शिक्षामित्र राकेश प्रताप सिंह एवं नीसू सिंह बच्चों को पढ़ाते मिले। इस विद्यालय में भी बच्चों को किताबें न मिलने की बात सामने आई। पुरानी किताबों के सहारे शिक्षकों ने बच्चों को पढ़ाने की बात कही। एमडीएम में रोटी सब्जी एवं फल दिया जाना पाया गया।

प्राथमिक स्कूल जिगना  में 125 के सापेक्ष 73 छात्र उपस्थित मिले। इंचार्ज प्रधानाध्यापक देव शरण बच्चों के बीच मिले। सहायक अध्यापिका कुसुम यादव के सीएल पर होने की बात कही गई। शिक्षामित्र शत्रुघ्न एवं नीतू सिंह उपस्थित मिले। विद्यालय में बच्चों को पुरानी किताबों के सहारे पढ़ाई करते पाए गए। तमाम बच्चों के पास किताबें ही न होने से पिछली कक्षाओं की किताबें से पढ़ाई करने को मजबूर मिले। विद्यालय में एमडीएम बनना पाया गया।

कंपोजिट स्कूल मझारी बछिल की इंचार्ज प्रधानाध्यापिका बबली चाइल्ड केयर लीव पर होने की बात कही गई। सहायक अध्यापिका विनीता शुक्ला, विजयलक्ष्मी के साथ शिव कुमार सिंह, वंदना सिंह बच्चों के कक्ष में मिले। इस विद्यालय में भी बच्चों को पुस्तक के न मिलने से पढ़ाई बाधित मिली। पुरानी किताबों के सहारे बच्चे पढ़ने को विवश मिले। उनमें भी अधिकांश बच्चों के पास किताबें न होने की बात सामने आई।

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Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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