ज़ीशान मेहदी की रिपोर्ट
लखनऊ, उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी के प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के साथ गठबंधन समाप्त करने पर काफी हलचल मची है। समाजवादी पार्टी के गठबंधन से मुक्त करने के बाद शिवपाल सिंह यादव और ओम प्रकाश राजभर ने तो अखिलेश यादव पर प्रतिक्रिया दी है, लेकिन अब समाजवादी पार्टी के नेता ही पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के फैसले से किनारा करने लगे हैं।
अखिलेश यादव के इस फैसले पर समाजवादी पार्टी के मुख्य राष्ट्रीय महासचिव प्रोफेसर रामगोपाल यादव ही किनारा करने लगे हैं। माना जा रहा है वह अखिलेश यादव के शिवपाल सिंह यादव और ओम प्रकाश राजभर की पार्टी से गठबंधन समाप्त करने के पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के फैसले से सहमत नहीं हैं। जब मीडिया ने प्रोफेसर रामगोपाल यादव से शिवपाल सिंह और ओपी राजभर के नाम सपा की चिट्ठी पर सवाल किया तो उनका जवाब था इस बारे में तो राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ही जानें। इनको पार्टी में अखिलेश यादव का सबसे करीबी माना जाता है।
सपा के महासचिव राम गोपाल यादव ही प्रसपा प्रमुख शिवपाल यादव और सुभासपा अध्यक्ष ओपी राजभर को जारी किए गए पत्र को लेकर पल्ला झाड़ते हुए नजर आए। उन्होंने कहा कि इसके बारे में राष्ट्रीय अध्यक्ष जानें आप उन्हीं से पूछिए।। राज्यसभा सदस्य रामगोपाल यादव के इस जवाब से उनकी सपा और सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव के प्रति नाराजगी साफ तौर पर झलक रही थी राज्यसभा सदस्य प्रोफेसर रामगोपाल यादव इटावा के समाजवादी कार्यालय पर सदस्यता अभियान के लिए पहुंचे थे जहां पर मीडिया ने शिवपाल यादव और ओपी राजभर को जारी किए गए पत्र को लेकर सवाल पूछा गया था जिस पर उन्होंने प्रतिक्रिया दी थी।
उधर ओम प्रकाश राजभर भी पूर्वी उत्तर प्रदेश के जिलों में अपनी पार्टी का संगठन मजबूत करने में लगे हैं तो शिवपाल सिंह यादव ने अभी अपनी दिशा तय नहीं की है।
Author: samachar
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