कमलेश कुमार चौधरी की रिपोर्ट
सीतापुर। बच्चे देश का भविष्य हैैं, ऐसे में उनका किताबी ज्ञान के साथ तकनीकी रूप से दक्ष होना बेहद जरूरी है। क्योंकि विकास का असल मंत्र शिक्षा में ही छिपा हुआ है। इसी सोच को आत्मसात कर ग्रामोत्थान संसाधन केंद्र ने वर्ष 2017 में अनूठी पहल शुरू की। आनलाइन पढ़ाई के इस दौर में गांव के बच्चे भी हाईटेक शिक्षा ग्रहण कर सकें इसके लिए इस केंद्र की ओर से मिनी बस में कंप्यूटर क्लास का संचालन किया जाता है। कंप्यूटर का ज्ञान पाने के लिए उन्हें न तो कहीं जाना पड़ता है और न ही कोई शुल्क देना पड़ता है। प्रत्येक गांव के बच्चों को प्रतिदिन दो घंटे कंप्यूटर की निश्शुल्क जानकारी दी जाती है।
प्रत्येक सीट पर लगा होता है लैपटापः गांव पहुंचने वाली मिनी बस में प्रत्येक सीट पर लैपटाप लगा होता है। जिसके जरिए बच्चों को कंप्यूटर की बारीकियां सिखाई जाती हैं। कंप्यूटर शिक्षक मनीष श्रीवास्तव ने बताया कि गांव के बाहर पहुंचकर ड्राइवर हार्न बजाता है जिसे सुनकर 15 से 18 बच्चे तुरंत आ जाते हैैं। एक सीट पर दो छात्र बैठते हैं। कोर्स पूरा होने पर कंप्यूटर एप्लीकेशन का बेसिक प्रमाणपत्र दिया जाता है। कोरोना महामारी की वजह से दो वर्ष तक बस संचालित नहीं की गई, लेकिन अब हालात सामान्य हो रहे हैैं इसलिए इसे फिर शुरू किया गया है।
संस्था की एकल अभियान वाली यह मिनी बस प्रतिदिन तीन गांवों में जाती है। इन गांवों के बच्चों को तीन महीने का कंप्यूटर कोर्स करवाने के बाद प्रमाणपत्र दिया जाता है। इसके बाद अगले तीन गांव चयनित होते हैं। मनीष श्रीवास्तव ने बताया कि अब तक 50 से अधिक गांवों में 1300 बच्चों को कंप्यूटर का प्रशिक्षण दिया जा चुका है।
कंप्यूटर शिक्षक मनीष श्रीवास्तव ने बताया कि कक्षा आठ से लेकर दसवीं तक के बच्चे कंप्यूटर का प्रशिक्षण लेने आते हैैं। जिन गांवों में जाकर बच्चों को इसका प्रशिक्षण दिया जाता है वहां के स्कूलों में अभी कंप्यूटर सिखाने की व्यवस्था नहीं है। ऐसे में बच्चे चाहकर भी इससे वंचित थे। जैसे ही उन्हें गांव में ही कंप्यूटर प्रशिक्षण की जानकारी मिली वह उत्साहित हो गए।
जैतीखेड़ा गांव के रहने वाले छात्र सुरजीत कुमार ने कहा, सोचा नहीं था कि गांव में भी कंप्यूटर की बारिकियां सीख पाऊंगा। इसका प्रशिक्षण लेने के लिए सीतापुर जाना पड़ता और फीस भी देनी पड़ती। एक दिन ग्रामोत्थान संसाधन केंद्र की गाड़ी पहुंची और मेरी मुश्किल आसान हो गई। वहीं, शिवसिंहपुर की रहने वाली छात्रा अंकिता सिंह ने कहा, मेरे गांव में सुविधाओं का अभाव है। कंप्यूटर सीखने के लिए बाहर जाना पड़ता। वर्ष 2019 में ग्रामोत्थान संसाधन केंद्र की मिनी बस आने से गांव में कंप्यूटर का प्रशिक्षण मिल गया।
ग्रामोत्थान संसाधन केंद्र की संचालन समिति के अध्यक्ष सुधीर सिंह ने बताया कि बच्चों के अभिभावक भी काफी खुश हैैं, क्योंकि इसके लिए उन्हें कुछ अतिरिक्त खर्च नहीं करना पड़ रहा और न ही उनके बच्चों को इसे सिखने के लिए कहीं जाना पड़ता है। संस्था के प्रयासों की तहसीलदार और क्षेत्रीय विधायक राम कृष्ण भार्गव भी सराहना कर चुके हैैं।
इन गांवों के बच्चों को दिया जा चुका है कंप्यूटर का ज्ञानः एकल अभियान के तहत मिश्रिख तहसील इलाके के लोधौरा, तेलियानीहरिहरपुर, रघुबरपुर, टिपोना, बेलहैया, खनेहुना, बेलहरी, फौलादगंज, कादीनगर, सहावपुर, तरसावां, लोधौरा-द्वितीय, कल्ली, रघुनाथपुर, रनियापुर, कुंवामऊ, माडर, मडरुवा, सतनापुर, शिवसिंहपुर व पंखियापुर गांवों के बच्चे कंप्यूटर का प्रशिक्षण पा चुके हैं।
Author: samachar
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