टिक्कू आपचे की रिपोर्ट
नई दिल्ली, वैसे तो दुनिया में एक से बड़े एक खूंखार कातिल और सीरियल किलर हुए हैं और उन्होंने जिस अंदाज में वारदातों को अंजाम दिया, उसने इंसानों को दहशत में भर दिया है, लेकिन क्या आप जानते हैं, कि विश्व का सबसे कम उम्र का सीरियल किलर कौन है? क्या आपको पता है, विश्व के सबसे कम उम्र का सीरियल किलर हत्याओं को क्यों अंजाम दिया करता था और क्या आपको पता है, कि महज आठ साल के लड़के ने थाने में जब हंसते हुए हत्याओं की कहानी बताई, तो वहां मौजूद पुलिसवालों के पैरों तले जमीन खिसक गई। आइये जानते हैं, महज आठ साल की उम्र में सीरियल किलर बन चुके एक बच्चे की कहानी।
ये कहानी साल 2006 में शुरू होती है, जब बेगूसराय के एक गांव मुसहरी में 6 साल की एक बच्ची अचानक गायब हो जाती है। मुसहरी गांव का ये परिवार अपनी बेटी के गायब होने के बाद मातम मना रहा था। परिवार का मुखिया एक दिहाड़ी मजदूर थे, जो एक ईंट भट्ठे पर काम किया करते थे। उसी परिवार के बगल में ही एक और परिवार रहता था, जो इसके बड़े भाई का परिवार था। साल 2006 में छोटे भाई के परिवार में अजीब घटना घटती है और परिवार की बच्ची गायब हो जाती है। घटना की जानकारी पुलिस को नहीं दी गई, लेकिन पूरे गांव के लोग उस बच्ची की तलाश कर रहे थे, लेकिन बच्ची कहीं नहीं मिली। करीब 6 महीने के बाद उसी परिवार की एक आठ महीने की बेटी भी गायब हो जाती है, लेकिन इस बार भी पुलिस को इसकी जानकारी नहीं दी गई।
कैसे गायब हो रही थी बच्चियां?
गांव के लोग हैरान थे और अब डरने लगे थे, कि भला 6 महीने के अंदर ही एक परिवार से दो बच्चियां कैसे गायब हो गईं, हालांकि, गांववालों को कोई सुराग नहीं मिला और ना ही गांव के लोगों ने इसकी जानकारी पुलिस को दी। मगर, तीन और महीने बीतने के बाद 6 महीने की एक और बच्ची गायब हो जाती है। लेकिन इस बार गायब हुई बच्ची दूसरे परिवार की थी और उसकी मां का नाम था चुनचुन देवी। रिपोर्ट के मुताबिक, जब चुनचुन देवी गांव के ही एक स्कूल में बच्ची को खिला रही थी और कुछ देर के लिए वहां से कहीं गई थी, उसी दौरान उसकी 6 महीने की बेटी गायब हो गई। बच्ची के कहीं नहीं मिलने के बाद ये मामला पहली बार पुलिस स्टेशन पहुंचता है और चुनचुन देवी ने भगवानपुर पुलिस स्टेशन में बच्ची के गायब होने की रिपोर्ट दर्ज कराई। और पहली बार इस केस की तफ्तीश शुरू होती है।
पुलिस को पुराने मामलों को मिली जानकारी
जब पुलिस मुसहरी गांव में तफ्तीश के लिए पहुंचती है, तो पता चलता है, कि गांव से पहले भी दो बच्चियां गायब हो चुकी हैं, जिसके बाद पूछताछ के लिए पुलिस उस घर तक पहुंचती है। कुछ देर की पूछताछ के बाद परिवार के लोग पुलिसवालों को बताते हैं, कि अगर गायब हो चुकी उस बच्ची के बारे में कोई कुछ बता सकता है, तो वो अमरजीत सदा ही बता सकता है। पुलिस हैरान हो गई और उसे समझ नहीं आया, कि भला आठ साल का एक बच्चा, किसी बच्ची के गायब होने की बात कैसे बता सकता है। मगर, फिर भी पुलिस ने आठ साल के अमरजीत सदा से बच्ची के गायब होने की बात पूछी। जैसे ही पुलिस ने अमरजीत सदा से बच्ची के गायब होने पर सवाल किया, वो हंसने लगा। पुलिस ने अगली बार पूछा, तो वो फिर हंसने लगा और हंसते हुए उसने बताया, कि वो जानता है, कि 6 महीने की बच्ची कहां है। अमरजीत बार बार वहां मौजूद पुलिसवालों के चेहरे को देखता और जोर से हंसने लगता। ऐसे में पुलिसवालों को लगा, कि इस बच्चे से पूछताछ में वक्त बर्बाद कर रहे हैं, लिहाजा उन्होंने बच्ची की फिर से तलाश शुरू कर दी।
मुसहरी गांव में तफ्तीश करने आई पुलिस ने एक बार सोचा, कि अमरजीत से बात कर वो वक्त बर्बाद कर रही है, लेकिन एक पुलिसवाले ने जब किसी भी तरह का कोई क्लू मिल जाए, ये जानने के लिए कई बार और अमरजीत से बातचीत करनी शुरू की, तो उसने हंसते हुए कहा, कि अगर उसे बिस्किट मिले, तो वो सब बता देगा। जिसके बाद पुलिसवाले उसे बिस्किट का पैकेट देते हैं, जिसके बाद अमरजीत ने हंसते हुए गायब हुई 6 महीने की बच्ची के बारे में बताया, कि उसने उसे खपरैल से मारकर सुला दिया है। आठ साल के अमरजीत के मुंह से ये बात सुनकर पुलिसवालों का एक पल के लिए सांप सूंघ गया और फिर उन्होंने अमरजीत को उस जगह ले चलने के लिए कहा, जहां उसने बच्ची को मारकर सुलाया था। जिसके बाद अमरजीत पुलिसवालों के साथ साथ गांव के लोगों को उस जगह लेकर चला गया, जहां उसने बच्ची की हत्या कर दी थी। अमरजीत लोगों को लेकर स्कूल के पास एक झाड़ी में पहुंचा, जहां उसने 6 महीने की बच्ची की हत्या कर दी थी। बच्ची की लाश देखकर पुलिसवालों के साथ साथ ग्रामीणों के खून सूख गये, लेकिन इस दौरान अमरजीत हंस रहा था।
पुलिसवालों को देखकर हंस रहा था अमरजीत
8 साल के बच्चे अमरजीत को लेकर पुलिसवाले थाना आ गये, लेकिन इस दौरान अमरजीत पुलिसवालों को देखकर बार बार हंस रहा था। ये कुछ ऐसा था, जैसे अमरजीत को पता ही नहीं हो, कि उसने क्या किया है। जब थाने ले जाकर पुलिसवालों ने अमरजीत से पूछा, कि उसने बच्ची की हत्या कैसे की है, तो अमरजीत ने हंसते हुए बताया कि, पहले तो वो बच्ची को स्कूल से उठाकर सुनसान जगह पर ले गया और फिर वहां उसने गला घोंटकर बच्ची की हत्या कर दी और फिर उसने खपरैल से उसे खूब मारा। 6 महीने की बच्ची की हत्या की कहानी जानने के बाद अब पुलिस ने अमरजीत से पिछली हत्याओं के बारे में जाननी शुरू की और पूछा, कि अब तक उसने किस- किस को खपरैल से मारकर सुलाया है, जिसपर अमरजीत ने पुलिस से कहा, कि और बिस्किट देने पर वो बाकी बात बताएगा, जिसके बाद पुलिसवालों ने उसे और बिस्किट दिए। जिसके बाद अमरजीत ने जो सनसनीखेज कहानी सुनाई, उसे सुनकर पुलिसवाले भी कांप गये।
अमरजीत की खौफनाक कहानी
बिस्किट खाते हुए अमरजीत ने पुलिस को बताया, कि वो अपनी 8 महीने की बहन और 8 साल की अपनी बहन की हत्या कर चुका है। अब पुलिसवाले कांप उठे थे, क्योंकि उनके सामने एक सीरियल किलर था, जिसकी उम्र सिर्फ आठ साल थी। पुलिसवाले इस बच्चे से कैसे डील करते, उन्हें कुछ नहीं पता था। अमरजीत के मुंह से कत्ल की कहानी सुनने के बाद पुलिसवालों ने उसके परिवारवालों को थाने बुलाया और उनसे पूछताछ की, जिसके बाद अमरजीत के परिवारवालों ने कहा कि, उन्हें पता चल गया था, कि अमरजीत ने ही दोनों की हत्या की है। परिवारवालों ने बताया, कि जब बच्चियां गायब हुई थी, तो उन्होंने अमरजीत से उनके बारे में पूछा था और अमरजीत ने उन्हें सारी बातें सच बता दी थीं। घरवालों ने कहा कि, मर्डर के बाद उन्होंने अमरजीत की खूब पिटाई की थी और अमरजीत ने उनसे कहा था, कि आज के बाद वो ऐसा कभी नहीं करेगा।
दर्द देखने के लिए करता था मर्डर
आखिर अमरजीत ने तीन बच्चियों की हत्याएं क्यों की, पुलिस ने इस वजह को जानने के लिए अमरजीत से उसके पीछे की वजह पूछी, तो फिर बिस्किट खाकर हंसता हुआ अमरजीत बोला, कि उसे ऐसा करने में मजा आता है। अमरजीत ने पुलिसवालों को बताया, कि जब वो उन्हें मारता है और वो दर्द से चिल्लाती हैं, तो उसे वो देखने में काफी मजा आता था और इसीलिए उसने उन्हें मार दिया। अमरजीत से उसकी खूनी कहानी सुनने के बाद पुलिसवालों ने उसे मानसिक अस्पताल में इलाज के लिए भेज दिया, जहां जांच के दौरान पता चला, कि अमरजीत एक दिमागी बीमारी ‘कंडक्ट डिसऑर्डर’ से पीड़ित है, जिसकी वजह से वो दूसरों को दर्द में देखकर खुश हो जाता था और वो किसी का कत्ल कर रहा था, उसे इसका आभास नहीं हो पाता था और इसीलिए वो बिना डर हंसकर सारी बातें बता देता था। वहीं, बाद में कोर्ट ने अमरजीत को बाल सुधार गृह में भेज दिया।
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."