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November 22, 2024 11:15 am

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खत्म हुआ परिवार; पत्नी, बेटा और बेटी को मारकर खुद भी लटक गया फंदे पर; पढ़िए क्या है मामला

17 पाठकों ने अब तक पढा

पुनीत नौटियाल की रिपोर्ट 

ग्वालियर। शुक्रवार को उस समय सनसनी फैल गई, जब शहर के महाराजपुर में एक घर के कमरे में 4 लाशें एक साथ मिली। पुलिस जब यहां पहुंची तो देखा कि जितेन्द्र वाल्मीकि और उसका 4 साल का बेटा फंदे पर लटके थे। जबकि, जितेन्द्र की पत्नी और डेढ़ साल की बेटी का शव जमीन पर पड़ा था। पुलिस मान रही है कि घरेलू झगड़े में जितेन्द्र ने पहले बेटा-बेटी और पत्नी की हत्या की, फिर खुद फंदे पर झूल गया। फिलहाल पुलिस ने चारों शव पोस्टमार्टम के लिए भेज दिए है। साथ ही मामले की जांच की जा रही है।

जितेन्द्र वाल्मीकि ऐरा वर्ल्ड स्कूल में सफाई कर्मचारी था। उसने आठ दिन पहले ही किराए पर मकान लिया था। घटना का पता उस समय चला, जब सुबह से दरवाजा नहीं खुलने पर पड़ोसी ने घर के अंदर झांककर देखा। जितेंद्र के भाई धर्मेन्द्र का कहना है कि जिन बच्चों पर भाई जान छिड़कता था, उन बच्चों को कैसे अपने हाथ से मारा होगा। शनिवार को चारों के शवों का पोस्टमॉर्टम किया जाएगा।

पत्नी अलग रहना चाहती थी

जितेंद्र पहले परिवार समेत थाटीपुर में रहता था। पत्नी निर्जला का ससुराल में आए दिन झगड़ा होता था। इस कारण वह अलग रहना चाहते थे। उसने आठ दिन पहले ही यहां एक कमरा किराए पर लिया था। गुरुवार रात जितेन्द्र का उसकी पत्नी के साथ किसी बात पर झगड़ा हुआ था। उस समय पत्नी के मायके वाले आए थे, उन्होंने समझाया भी था। कुछ समय के लिए झगड़ा शांत हो गया। फिर बहस हुई। इसके बाद जितेन्द्र ने परिवार को खत्म करने का कदम उठाया।

साड़ी फाड़कर बनाए फंदे, एक पर बेटे को लटकाया

जितेन्द्र ने पत्नी, बेटी की हत्या करने के बाद पत्नी की साड़ी को फाड़ा। उससे दो अलग-अलग फंदे बनाए। एक फंदे पर चार साल के बेटे को फांसी पर लटका दिया। इसके बाद खुद फंदे पर झूल गया। इस दौरान कोई अंदर न आ जाए, इसलिए उसने गेट को तौलिए से बांध दिया था। साथ ही, बर्तनों की डलिया गेट से सटाकर रख दी।

मासूम का चल रहा था इलाज

मृतक जितेन्द्र की डेढ़ साल की बेटी जान्हवी पेट में छाले की परेशानी थी। पैदा होने के बाद से ही उसका इलाज चल रहा था। इसके लिए सफाई कर्मचारी ने कुछ महीने पहले 10 से 15 हजार रुपए उधार लिए थे, लेकिन वह भी उसने कुछ दिन पहले लौटा दिए थे। जितेन्द्र आर्थिक तंगी से काफी समय से परेशान था। उसके एक रिश्तेदार की मदद से चार महीने पहले ही स्कूल में सफाई कर्मचारी के रूप में नौकरी लगी थी। जिसके बाद वह धीरे-धीरे अपने घर गृहस्थी को संभालने लगा था।

पत्नी और बच्चों की हत्या से पहले पी शराब

घटनास्थल से शराब की खाली बोतल भी मिली है। तंगी से जूझ रहे जितेन्द्र ने यह कदम उठाने से पहले अंग्रेजी शराब पी थी। बोतल खाली पड़ी थी। प्रारंभिक पड़ताल में सामने आया है कि यह कदम उठाने से पहले उसने ज्यादा शराब पी ली थी।

गर्भपात की गोलियां भी मिलीं

पुलिस को घटनास्थल के पास से एक ई-केयर नाम की गर्भपात की गोलियां भी मिली हैं। 10 टैबलेट के पत्ते में सिर्फ 3 गोलियां बची थीं। अब यह गर्भपात की टैबलेट वहां क्या कर रही थीं। इतनी सारी गोलियां किसने खाईं। शनिवार सुबह पोस्टमार्टम के बाद पता चल सकेगा कि कहीं जितेन्द्र की पत्नी गर्भवती तो नहीं थी। पुलिस ने जितेन्द्र का मोबाइल भी जब्त किया है। मोबाइल से भी कई राज खुल सकते हैं।

महाराजपुरा गांव में राकेश गुर्जर के मकान में 8 दिन पहले किराए पर घर लेने वाला 30 वर्षीय जितेन्द्र कुमार वाल्मीकि मूल रूप से नदीपार टाल, थाटीपुर में रहता था। वह प्राइवेट स्कूल में सफाई कर्मचारी था। उसकी शादी चार साल पहले नाका चन्द्रवदनी, झांसी रोड की रहने वाली निर्जला से हुई थी, जिससे उसके दो बच्चे 4 साल का बेटा कुलदीप, डेढ़ साल की बेटी जान्हवी थे। पत्नी रोज ससुराल से अलग रहने की जिद कर झगड़ती थी। यही कारण है कि जितेन्द्र 8 दिन पहले ही महाराजपुरा गांव में रहने आया था।

जितेन्द्र के पास ही उसका दोस्त रवि माहौर किराए पर रहता है। सुबह जितेन्द्र काम पर नहीं गया था। दोपहर तक घर के दरवाजे बंद थे। बच्चे भी बाहर खेलते हुए नहीं दिखे। इस पर उसने शुक्रवार दोपहर को घर जाकर खिड़की से देखा तो अंदर दिल दहला देने वाला दृश्य दिखा। अंदर जितेन्द्र फांसी पर लटका था, पास ही उसका चार साल का बेटा भी फंदे पर लटका था। जमीन पर पत्नी और बेटी के शव पड़े थे। पुलिस अफसर मौके पर पहुंचे और घटनास्थल का निरीक्षण करने के बाद तत्काल शव पोस्टमार्टम हाउस के लिए पहुंचाए।

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Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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