ज़ीशान मेहदी की रिपोर्ट
अफसरों के रवैये के चलते इस्तीफे की पेशकश करने वाले योगी सरकार के मंत्री दिनेश खटीक की नाराजगी अभी पूरी तरह से दूर नहीं हुई है? पार्टी हाईकमान ने भले ही दिनेश खटीक के मन में चल रही उलझन को समाप्त कर दिया हो लेकिन जलशक्ति राज्यमंत्री के अंदर अभी भी कुछ न कुछ जरूर खटक रहा है, जिसकी बानगी भी शुक्रवार को देखने को मिली। लखनऊ में आयोजित भूजल सप्ताह समापन समारोह में दिनेश खटीक नहीं पहुंचे और शाम को वित्त मंत्री सुरेश खन्ना की बैठक से भी वह गायब रहे।
मेरठ में रहते हुए दिनेश खटीक ने वित्तमंत्री से मिलना गंवारा नहीं समझा। वित्त मंत्री सुरेश खन्ना शुक्रवार को मेरठ में ही थे, यहां उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं से मुलाकात कर उनकी समस्याएं सुनीं, लेकिन दिनेश खटीक का इंतजार होने के बाद भी वह नहीं पहुंचे। इस मामले में मीडिया ने जब दिनेश खटीक के घर पर फोन कर जानकारी लेनी चाही तो उनके स्टाफ ने यह कहकर फोन काट दिया कि मंत्री जी की तबियत खराब है वह आराम कर रहे हैं।
पार्टी हाईकमान ने दिनेश खटीक को नसीहत दी थी कि पार्टी और सरकार की बात अंदर ही रखें, इसे बाहर ना उठाया करें। इसके बाद दिनेश खटीक ने योगी से मुलाकात की थी। यहां से वह दिल्ले गए, फिर मेरठ आ गए और अब मोबाइल भी बंद कर लिया है। योगी से मुलाकात के बाद लगा कि सब ठीक हो गया है। इस दौरान उन्होंने मीडिया से यह भी कहा था कि जैसे काम करते थे, वैसे करते रहेंगे, लेकिन शुक्रवार को सीएम योगी और कैबिनेट मंत्री स्वतंत्रदेव और राज्यमंत्री रामकेश निषाद की मीटिंग में न पहुंचना एक बार फिर उनकी नाराजगी जाहिर कर रहा है।
डेढ़ महीने से अधिकारियों के रवैये से आहत थे दिनेश खटीक
दिनेश खटीक यूं तो डेढ़ माह से कई मुद्दों पर अफसरों के प्रति नाराजगी जता रहे थे, लेकिन 19 जुलाई को वह अपने विभाग के अधिकारियों के बर्ताव से ज्यादा आहत हो गए। इसके बाद उन्होंने इस्तीफा देने का फैसला किया। तमाम आरोपों की फेहरिस्त के साथ उन्होंने अपना इस्तीफा राजभवन के साथ ही केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को भेज दिया था। पत्र वायरल हुआ तो भाजपा नेतृत्व से नसीहत भी मिली।
पत्र में लगाए थे बड़े आरोप
जल शक्ति राज्यमंत्री दिनेश खटीक ने सरकार की कार्यप्रणाली और विभिन्न विभागों में चल रहे भ्रष्टाचार को लेकर एक चिट्ठी लिखी थी। पत्र में सरकार की कार्यप्रणाली और विभाग में हो रहे भ्रष्टाचार पर कई बड़े सवाल खड़े कर दिए थे। उन्होंने पत्र में लिखा था कि ‘नमामि गंगे’ और ‘हर घर जल योजना’ में नियमों की अनदेखी कर बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार किया जा रहा है। उन्होंने लिखा था कि जल शक्ति विभाग में बड़े पैमाने पर कर्मचारियों और अधिकारियों के स्थानांतरण में गड़बड़ी हुई। इसके बाद मैंने विभागाध्यक्ष से सूचना मांगी तो अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
Author: samachar
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