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November 23, 2024 6:12 am

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अब और सताएगी महंगाई; बढ़ी दरें लागू; दुग्ध उत्पादों, आटे-दाल के साथ ब्लेड-चम्मच भी महंगे

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अनिल अनूप की खास रिपोर्ट 

महंगाई से बुरी तरह से त्रस्त जनता को सोमवार को बढ़ती कीमतों की एक और डोज लगेगी। पिछले महीने हुई बैठक में जीएसटी काउंसिल ने जरूरत की कई चीजों पर जीएसटी रेट बढ़ाने का फैसला लिया था। यह बढ़ा हुआ जीएसटी सोमवार से वसूला जाएगा, जिससे दही, लस्सी, चावल और आटा समेत कई जरूरी चीजें महंगी हो जाएंगी।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में हुई जीएसटी काउंसिल की बैठक में दूध के प्रोडक्ट को पहली बार जीएसटी के दायरे में शामिल करने का फैसला लिया था, जिसके चलते टेट्रा पैक वाले दही, लस्सी और बटर मिल्क की कीमत पांच फीसदी बढ़ेगी।

इतना ही नहीं अनब्रांडेड प्री-पैकेज्ड और प्री लेबल आटा और दाल पर भी पांच फीसदी लगेगा। इसी तरह ब्लेड, पेपर कैंची, पेंसिल शार्पनर, चम्मच, कांटे वाले चम्मच, स्किमर्स और केक सर्विस आदि पर 18 फीसदी की दर से जीएसटी वसूला जाएगा।

एलईडी लाइट्स और एलईडी लैंप्स पर भी जीएसटी 12 फीसदी से बढ़ाकर 18 फीसदी किया गया है। उधर, हॉस्पिटल द्वारा 5000 रुपए प्रतिदिन से अधिक का रूम उपलब्ध कराया जाता है, तो उस पर पांच फीसदी की दर से जीएसटी देय होगा। इसमें आईसीयू, आईसीसीयू, एनआईसीयू के रूम पर छूट लागू रहेगी। वर्तमान में 1000 रुपए से कम के होटल रूम पर जीएसटी नहीं लगता था, लेकिन अब ऐसे कमरे पर भी 12 फीसदी की दर से जीएसटी लगेगा।

वेयर हाउस में ड्रायफ्रूट्स, मसाले, खोपरा, गुड़, कॉटन, जूट, तंबाकू, तेंदूपत्ता, चाय, कॉफी इत्यादि के स्टोरेज की सेवाएं अब तक करमुक्त थीं, उन्हें अब कर के दायरे में लाया गया है और ऐसी सेवाओं पर अब 12 फीसदी की दर से जीएसटी लगेगा। इसके अलावा कृषि उपज के स्टोरेज किए जाने पर वेयर हाउस के फ्यूमीगेशन की सेवा पर कर से छूट प्रदान थी। अब ऐसी सेवाओं पर 18 फीसदी जीएसटी लगेगा।

खाने के तेल में मिलेगी और राहत!

महंगाई से हलकान आम आदमी के लिए एक अच्छी खबर है। खाने का तेल बहुत जल्द और सस्ता होने वाला है। वित्त मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि इंडोनेशिया ने निर्यात को बढ़ावा देने और हाई इन्वेंट्री को कम करने के लिए 31 अगस्त तक सभी पाम तेल प्रोडक्ट्स के लिए अपने निर्यात शुल्क को खत्म कर दिया है।

बता दें कि इंडोनेशिया दुनिया का सबसे बड़ा पाम तेल निर्यातक है और इस फैसले से पाम तेल की कीमतों में और गिरावट आ सकती है।

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Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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