अरमान अली की रिपोर्ट
अमरनाथ गुफा के बाहर कुछ दिन पहले आई भयंकर बाढ़ का वीडियो सोशल मीडिया (social media) पर वायरल हो रहा है। वीडियो में बादल फटने के बाद की तबाही नज़र आ रही है। सैलाब अमरनाथ गुफा के बाहर लगे टैंट को बहाकर ले जा रहा है। अपनी तरफ सैलाब को तेजी से आता देखकर लोगों में चीख पुकार मच गई है। वायरल वीडियो को शख्स वीडियो बना रहा है वह लोगों से भागने के लिए कहा रहा है। कई लोग भागने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन लोग जबतक भाग पाते सैलाब कईयों को बहा ले गया।
जम्मू कश्मीर में पवित्र अमरनाथ गुफा के पास बादल फटने की त्रासदी में आंध्र प्रदेश के लापता तीर्थयात्रियों की संख्या रविवार शाम को बढ़कर 37 हो गई क्योंकि रिश्तेदारों ने अधिकारियों को फोन किया और बताया कि उनके परिजनों का पता नहीं चल पाया है।
आधिकारिक सूत्रों ने यहां बताया कि अब तक 84 तीर्थयात्री सुरक्षित बताए गए हैं क्योंकि उनका अपने रिश्तेदारों और अधिकारियों से संपर्क हो गया है।
रविवार दोपहर, राज्य सरकार ने कहा था कि अमरनाथ त्रासदी में राजामहेंद्रवरम की केवल दो महिलाओं का पता नहीं चला है।
बचाव अभियान से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘बाद में, हमें कई लोगों के फोन आए कि पवित्र गुफा मंदिर के पास बादल फटने और अचानक आई बाढ़ के बाद उनका अपने रिश्तेदारों से कोई संपर्क नहीं हो पाया है। जानकारी के अनुसार, अब हमारे पास लापता होने के 37 मामले हैं।’
राजामहेंद्रवरम की दो महिलाओं के अलावा, नेल्लोर के दो समूहों में लगभग 29 सदस्य, एलुरु के दो व्यक्ति, राजामहेंद्रवरम के एक परिवार के तीन और तनुकु के पास उंद्राजवरम के एक परिवार के लापता होने की खबर है।
नेल्लोर से वसुधा ने फोन पर कहा, ‘मेरे सहयोगी और कुछ अन्य लोग अमरनाथ गए थे। मैंने आखिरी बार बृहस्पतिवार को उनसे बात की थी, लेकिन उसके बाद संपर्क टूट गया। मैंने जम्मू में भी अधिकारियों और पुलिस को फोन किया। हमारे अतिरिक्त रेजिडेंट कमिश्नर हिमांशु कौशिक ने मुझसे बात की और तलाश अभियान के बारे में जानकारी दी।’
सरकारी सूत्रों की ओर से उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के मुताबिक, राजामहेंद्रवरम से अमरनाथ गए 20 सदस्यीय दल में से सिर्फ दो महिलाओं का पता नहीं चल पाया है.
इस संबंध में एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘उनके पति श्रीनगर लौट आए लेकिन महिलाएं अभी भी लापता हैं। हो सकता है कि वे घायल हो गई हों या किसी अन्य स्थान पर पहुंच गई हों। हम उनका पता लगाने के लिए तलाश अभियान चला रहे हैं।’
आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया है कि राज्य सरकार ने स्थानीय अधिकारियों के साथ समन्वय करने और राज्य के तीर्थयात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आंध्र प्रदेश भवन के अतिरिक्त रेजिडेंट कमिश्नर हिमांशु कौशिक को श्रीनगर भेजा है।
आंध्र प्रदेश सरकार ने राज्य के तीर्थयात्रियों को आवश्यक सहायता प्रदान करने के लिए एक समर्पित हेल्पलाइन नंबर 1902 भी शुरू किया है।
विज्ञप्ति में कहा गया है कि तीर्थयात्रियों और उनके रिश्तेदारों की किसी भी सहायता के लिए नयी दिल्ली में आंध्र प्रदेश भवन में हेल्पलाइन भी स्थापित की गई हैं।
Author: samachar
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