दुर्गा प्रसाद शुक्ला की रिपोर्ट
कर्नलगंज, गोण्डा। तहसील मुख्यालय स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कर्नलगंज में खाली पड़ी चिकित्सकों की कुर्सी जहां मरीजों का दर्द बढ़ाने का काम कर रही है, वहीं जिम्मेदार चिकित्सकों के समय से अपने कक्ष में मौजूद ना रहने और आवास पर मरीजों को फीस लेकर देखे जाने से अस्पताल में इंतजार कर रहे मरीजों व उनके तीमारदारों का दुखड़ा भी कोई सुनने वाले भी अक्सर नहीं दिखाई पड़ते हैं। जिससे सीएचसी कर्नलगंज सहित अन्य कई स्वास्थ्य केंद्रों पर गरीब मरीजों को चिकित्सीय सेवा देने का दावा एक छलावा साबित हो रहा है।
यहाँ मरीजों को ठीक से न तो इलाज मिल पा रहा है और ना ही जिम्मेदारों द्वारा अपने कर्तव्यों का निर्वहन किया जा रहा है। अक्सर डॉक्टर व चिकित्साधिकारी नदारद रहते हैं और वार्ड ब्वॉय, फार्मासिस्ट द्वारा नाड़ी देखकर मर्ज का पता लगाया जाता है।
शुक्रवार को पत्रकारों की टीम द्वारा स्वास्थ्य केंद्रों का दौरा कर स्वास्थ्य सेवाओं की हकीकत परखी गई तो लापरवाहियां खुलकर सामने आ गई। जो पत्रकारों के कैमरे में कैद हो गई।
कर्नलगंज सीएचसी पर डॉक्टरों की अनुपस्थिति में संविदा चिकित्सकों को ड्यूटी पर लगाकर काम चलाया जाता है।अधीक्षक सहित कई चिकित्सक समय से अपने कक्ष में मौजूद ना रहकर अपने सरकारी आवास में मरीजों को फीस लेकर अपनी सेवाएं दे रहे हैं। सीएचसी कर्नलगंज पर शुक्रवार को दोपहर साढ़े दस बजे तक काफी संख्या में मरीज रजिस्ट्रेशन करा चुके थे, लेकिन ड्यूटी पर कुछ चिकित्सकों को छोड़कर अन्य जिम्मेदार चिकित्सक अपने कक्ष में मौजूद नहीं मिले और उनकी कुर्सी खाली मिली। वहीं कुछ चिकित्सक मरीजों को देखने की औपचारिकता निभाते हुए लाल-पीली दवाएं लिखने में व्यस्त देखे गए।
सीएचसी में महिला चिकित्सक की भी गैर मौजूदगी दिखी जिससे अनेकों महिला मरीज मजबूर होकर पुरुष चिकित्सकों के कक्ष में और बाहर इलाज कराने हेतु अपनी बारी आने का इंतजार करती दिखाई पड़ी।
मालूम हो कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कर्नलगंज में मनमानी और निरंकुश कार्य प्रणाली का आलम यह दिखा कि शुक्रवार को चिकित्सा अधीक्षक साढ़े दस बजे तक अपने कक्ष में मौजूद नहीं मिले और उनकी खाली कुर्सी उनके आने का इंतजार करती दिखी वहीं कक्ष मे मौजूद मरीज भी बेसब्री से उनकी राह ताकते दिखाई दिये।
बताते चलें कि जिले के आला अधिकारियों का अपने अधीनस्थ स्वास्थ्य कर्मियों पर कोई नियंत्रण ना होने से अधिकांश कई डॉक्टर प्रायः सीएचसी में समय से मौजूद ना रहकर गायब रहते हैं जिससे इलाज के लिए मरीज इधर-उधर भटकते रहते हैं। बुधवार को सुबह साढ़े दस बजे सीएचसी पर पहुंची पत्रकारों की टीम के समक्ष मरीजों और उनके तीमारदारों का दर्द उभरकर सामने आ गया। अस्पताल में मरीजों का चिकित्सीय परीक्षण कराने आए तीमारदारों का जमघट लगा रहा और काफी संख्या में बैठे मरीज डॉक्टर का इंतजार करते दिखाई पड़े।
मरीजों से जानकारी करने पर पता चला कि डॉक्टर अभी आये नहीं हैं और हम लोग उनके आने का इंतजार कर रहे हैं। यहां डॉक्टरों की लेट-लतीफी मरीजों पर भारी पड़ती नजर आयी। केंद्र के अधीक्षक का कार्यालय खुला रहा जहाँ खाली कुर्सी उनके आने की बांट जोह रही थी। अस्पताल में ही स्थित कई चिकित्सकों के कमरे में पड़ी कुर्सी खाली रही।
सूत्रों के मुताबिक यहां तैनात कई सर्जन अस्पताल से गायब रहकर अपने आवास पर या किसी निजी चिकित्सालय में भारी भरकम फीस लेकर मरीजों का इलाज करके अपनी जेबें भरते देखे जा सकते हैं। वहीं पूरे अस्पताल में अव्यवस्था का बोलबाला रहा। डॉक्टर की प्रतीक्षा में मरीज इधर-उधर भटकते नजर आए। उक्त संबंध में सीएमओ के मोबाइल नंबर पर संपर्क करने का प्रयास किया गया लेकिन संपर्क नही हो सका।
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."