Explore

Search
Close this search box.

Search

29 December 2024 2:33 am

लेटेस्ट न्यूज़

गज़ब अंदाज में करता था यह “मानव रक्त” का काला सौदा; खुद को फौजी बताकर लेता था भरोसे की जाल में फांस और…

27 पाठकों ने अब तक पढा

कमलेश कुमार चौधरी की रिपोर्ट 

लखनऊ। खून के काले कारोबार में एसटीएफ और पुलिस को कई चौंकाने वाली जानकारियां मिल रही है। इसी कड़ी में पता चला कि तस्करों और ब्लड बैंक के संचालकों ने मिलकर 100 से अधिक रक्तदान शिविरों में जुटाये गये खून का सौदा कर खूब कमाई की। ये शिविर लखनऊ में तो कम लगे लेकिन हरदोई, कानपुर, जयपुर, फतेहपुर सीकरी, उन्नाव समेत कई जिलों में कई बार लगे। शिविर लगाने के लिये ही कई ट्रस्ट संचालकों को मिलाकर उन्हें 25 फीसदी मुनाफा दिया गया ताकि उनकी आड़ में ये लोग कानूनी रूप से रक्तदान शिविर लगा सके। दिलचस्प यह कि संचालकों को उनकी करतूत की भनक तक नहीं लगी।

ठाकुरगंज में मिडलाइफ ब्लड बैंक के मालिक अम्मार और कृष्णानगर स्थित नारायण ब्लड बैंक के मालिक अजीत दुबे ने तस्करों नौशाद और असद के साथ मिलकर कई जिलों में ब्लड बैग सप्लाई किये। नौशाद और असद जयपुर में लगे रक्तदार शिविरों से जुटाये गये खून को लखनऊ तक पहुंचाते थे। इन खून का रक्तदान शिविरों में कोई लिखापढ़ी नहीं की जाती थी। इस वजह से इनकी कोई चेकिंग भी नहीं होती थी। लखनऊ तक पहुंचाने के लिये तस्कर अच्छी कीमत लेते थे। लखनऊ के कई ब्लड बैंक में यह खून सप्लाई किये गये। अब इनकी पड़ताल हो रही है। 

मानव ब्लड बैंक की जांच तेज

एसटीएफ और ठाकुरगंज पुलिस ने कृष्णानगर स्थित मानव ब्लड बैंक की पड़ताल तेज कर दी है। यहां के कई दस्तावेज कब्जे में लिये गये हैं। इसकी संचालिका के पति डॉ. पकंज त्रिपाठी नारायणी ब्लड बैंक में मेडिकल आफीसर है। दरअसल हर ब्लड बैंक में मेडिकल आफीसर का होना जरूरी है। डॉ. पकंज भी तस्करों से मिले हुये थे। इस मामले में सात गिरफ्तारियां होने के बाद से वह फरार है। उनकी तलाश में एक टीम कानपुर और हरदोई गई हुई है। 

फौजी बताकर विश्वास बनाता रहा

एसटीएफ के डिप्टी एसपी प्रमेश कुमार शुक्ला ने बताया कि अजीत दुबे पिछले साल की सेना की मेडिकल कोर टीम में नायब सुबेदार पद से रिटायर हुआ था। वह अपने रक्तदान शिविर में आने वालों से अपना परिचय रिटायर फौजी के रूप में देता है। इससे किसी को उस पर शक नहीं होता था कि वह ऐसा कुछ गलत करेगा। एसटीएफ का कहना है कि अजीत ने खून की सप्लाई में अहम भूमिका निभायी है। उसकी कॉल डिटेल के आधार पर कुछ और जानकारियां जुटायी जा रही है। एसटीएफ को पता चला कि दोनों ब्लड बैंक से लखनऊ में बाहरी जिलों में 100 से ज्यादा रक्तदान शिविर लगाये। इन सबमें रक्तदान के जरिये खून का आधा हिस्सा अवैध तरीके से सप्लाई किया गया। सप्लाई करते समय खून को सुरक्षित रखने के मानकों का पालन भी नहीं किया गया। 

samachar
Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

लेटेस्ट न्यूज़