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15 March 2025 11:55 am

आखिर क्यों “मुख्तार बाबा” के जेल से बाहर आने को लेकर इतनी खौफजदा है ये महिला ? पढ़िए इस खबर को

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दुर्गा प्रसाद शुक्ला की रिपोर्ट 

कानपुर। “सीएम साहब! मुख्तार बाबा अगर जेल से बाहर आया तो मेरे बेटे और मुझे मरवा देगा। मुख्तार व उसके भाई मुश्ताक ने धीरे-धीरे करके मेरी 17 दुकानों पर कब्जा कर लिया है। करोड़ों की जमीन पर कब्जा करके खुलेआम कारोबार कर रहे हैं। किराया बढ़ाने की बात कहने पर मारने की धमकी देते हैं। पति की मौत के बाद दुकानों को अपने नाम कराने के लिए मुझे व बेटे को धमका रहे हैं। रात-दिन सोना-जागना मुश्किल कर दिया है। घर में डरकर रह रही हूं।” यह दर्द बयां करते हुए कैंसर पीड़िता जीनत आजमी उर्फ रानी ने मंगलवार को सीएम योगी आदित्यनाथ को एक ज्ञापन भेजा।

जीनत की मानें तो उनका अब सिर्फ एक सहारा सीएम योगी आदित्यनाथ ही हैं। और कोई उनकी पीड़ा को नहीं समझ रहा है। जीनत आजमी की मानें तो 2016 में पति मुमताज अहमद की मौत के बाद से ही यातनाओं का पहाड़ टूट पड़ा। अब आठ दुकानों का 13 हजार रुपये महीना किराया दे रहा है। 2016 से स्वरूप नगर थाने, सीओ, एसएसपी, डीएम से लेकर शासन तक शिकायत कर चुकी हूं। फिर भी मुख्तार बाबा की धमक के आगे किसी अफसर ने नहीं सुनी। कैंसर से बड़े बेटे आदिल की मौत के बाद से ही मुख्तार बाबा की नजर उनकी संपत्ति पर थी।

करोड़ों की दुकानें, रहने के लाले

जीनत ने बताया, पति मुमताज अहमद ने 2000 में स्वरूप नगर की दुकानों में चल रहे कार गैराज को खत्म करके वहां पर पूरी मार्केट बनाई थी। फिर पड़ोसी की जगह लेकर आठ और दुकानें बनाईं। मुख्तार बाबा ने चार हजार रुपये महीने किराए पर दो दुकानें लेकर बाबा बिरयानी का कारोबार शुरू किया। फिर उसने आठ दुकानों पर कब्जा कर लिया। पड़ोस में रहकर कपड़े का कारोबार करने वाले दुकानदारों ने भी मुख्तार की शह पर कब्जा कर लिया। मदद के बहाने एक वकील ने दुकान हड़प ली। इसी वजह से 17 दुकानें स्वरूप नगर में होने के बावजूद किराए के मकान में रह रही हूं। छोटा बेटा राहिल काकादेव स्थित स्टैंड पर गाड़ियों में पर्ची लगाने का काम करता है। उसकी जान पर भी खतरा बना रहता है।

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Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."