दुर्गा प्रसाद शुक्ला की रिपोर्ट
यूपी की आजमगढ़ सीट पर हुए उपचुनाव में बीजेपी उम्मीदवार दिनेश लाल यादव निरहुआ ने सपा उम्मीदवार धर्मेंद्र यादव को हरा दिया है। दिनेश लाल यादव निरहुआ ने 11212 वोटों से जीत दर्ज की है।
हालांकि शुरूआती रुझानों में काफी उतार चढ़ाव देखने को मिला। कभी बीजेपी प्रत्याशी निरहुआ आगे तो कभी धर्मेंद्र यादव। दोनों के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिली। दोनों के बीच पहले चार पांच राउंड तक उठापटक चलती रही।
छठे चरण तक पहुंचने तक सपा प्रत्याशी धर्मेंद्र यादव 9200 से ज्यादा वोटों से आगे निकल गए वहीं बीएसपी प्रत्याशी गुड्डू जमाली दूसरे नंबर तक पहुंच गए। बीजेपी प्रत्याशी दिनेश लाल यादव निरहुआ तीसरे नंबर पर सरक गए।
गौरतलब है कि अखिलेश यादव के इस्तीफे के बाद आजमगढ़ सीट खाली हुई थी। 2019 लोकसभा चुनाव में आजमगढ़ और रामपुर दोनों सीटों पर सपा का कब्जा हुआ था। सपा अपनी दोनों मजबूत सीटों को वापस पाने की कोशिश कर रही थी वहीं बीजेपी और बसपा सपा के दोनों मजबूत किले में सेंधमारी की कोशिश में थी।
रामपुर चुनाव आजम खान की प्रतिष्ठा से जुड़ा था। आजम खान के कहने पर ही अखिलेश यादव ने उनके सबसे करीबी आसिम राजा को उम्मीदवार बनाया था। 27 महीने जेल में रहने के बाद आजम खान जब आसिम रजा के चुनाव प्रचार के लिए रामपुर पहुंचे थे तो काफी भीड़ जमा हुई थी। लेकिन वो भीड़ वोटों में तब्दील नहीं हो सकी और धनश्याम लोधी ने आजम खान के दुर्ग में जीत का परचम लहरा दिया।
1.5 लाख की लीड़ कैसे बन गई 40 हजार की हार?
समाजवादी पार्टी को रामपुर सीट की हार ज्यादा खलेगी क्योकिं हाल ही में यूपी विधानसभा चुनाव के दौरान रामपुर जिले की तीन सीटों पर सपा ने शानदार प्रदर्शन किया था। बिलासपुर और मिलक को छोड़ सपा ने स्वार, चमरौआ और रामपुर सीट पर जीत दर्ज की थी। तीन महीने पहले हुए यूपी विधानसभा चुनाव में रामपुर जिले में सपा को 1.44 लाख से ज्यादा वोटों की लीड़ मिली थी। वहीं तीन महीने बाद रामपुर सीट पर हुए लोकसभा उपचुनाव में बीजेपी ने 37,797 वोटों से जीत दर्ज की है।
अपने गढ़ में कैसे हारी सपा?
ये नतीजे सपा और खास तौर पर आजम खान के लिए बड़ा झटका है। बिलासपुर और मिलक सीट पर तो साल 2019 लोकसभा चुनाव में भी बीजेपी ने लीड बनाई थी लेकिन मुस्लिम बहुल रामपुर जिले की तीन सीटों पर तो सपा का दबदबा माना जाता रहा है। यूपी विधानसभा चुनाव में जेल में रहते हुए भी आजम खान ने रामपुर सीट से जीत दर्ज की थी, वहीं उनके बेटे अब्दुल्ला आजम स्वार सीट से जीते थे। इसके अलावा चमरव्वा सीट पर सपा कैंडिडेट नसारी अहमद खान विजयी रहे थे।
रामपुर में खत्म हुआ आजम खान का जलवा?
27 महीने जेल में रहकर बाहर निकले आजम खान ने रामपुर उपचुनाव में जनता से भावुक अपील करते हुए कहा था कि मेरे मुंह पर कालिख मत पुतवा देना। कहीं ऐसा ना हो कि यह सदमा मेरे लिए ज्यादा गहरा हो। आजम खान ने लोगों से बढ़ चढ़कर अपने उम्मीदवार आसिम राजा को वोट करने की अपील की थी लेकिन राजा हार गए।
Author: samachar
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