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6 February 2025 10:37 am

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कम वोटिंग को अपनी जीत का सबब मानने लगे हैं “निरहुआ” तो आज़म खान ने बताया कम वोटिंग का राज

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कमलेश कुमार चौधरी की रिपोर्ट 

आजमगढ़ लोकसभा उपचुनाव गुरुवार को शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हो गया। आम चुनाव की तुलना में करीब दस प्रतिशत कम वोटिंग हुई है। कम वोटिंग को भाजपा प्रत्याशी दिनेश लाल यादव निरहुआ ने अपनी जीत का संकेत बताया। उन्होंने कई ऐसे कारण बताए जिसके कारण कम वोटिंग हुई। पिछली बार भी मैदान में उतरे निरहुआ ने यह भी बताया कि क्यों इस बार उनकी जीत होने जा रही है। उधर, सपा प्रत्याशी धर्मेंद्र यादव ने निरहुआ के दावे पर कहा कि वह दिन में सपने देख रहे हैं। सपने देखने से किसी को कौन रोक सकता है।

लोकसभा के आम चुनाव में 56.12 प्रतिशत वोटिंग हुई थी। जबकि इस बार केवल 46.84 फीसदी ही मतदान हुआ है। ऐसे में सपा, भाजपा और बसपा में कांटे की टक्कर मानी जा रही है। कम वोटिंग के लिए निरहुआ ने कई कारण गिनाए। कहा कि बारिश के कारण कुछ वोटिंग प्रतिशत कम हुआ है।

इसके अलावा यहां के बहुत से मतदाता बाहर के शहरों में नौकरी और रोजगार करते हैं। आम चुनाव में तो वोटिंग के लिए आ जाते हैं लेकिन उपचुनाव में नहीं आते हैं। क्योंकि इस चुनाव से सरकार बनाने या गिराने जैसी स्थितियां नहीं होतीं। 

निरहुआ ने कहा कि इस चुनाव में योगी जी के कारण बूथ कैप्चरिंग भी नहीं हुई। यह बूथ कैप्चरिंग सपा वाले करते रहे हैं। पहले लोग अखिलेश के कारण उग्र हो जाते थे, अब वो स्थिति नहीं है। इस बार अग्रेसिव वोटिंग नहीं हुई है। उनके वोटरों को पता है कि अखिलेश जीतने के बाद भाग गए और धर्मेंद्र भी भाग जाएंगे। इसलिए उनके वोटर कम आए  हैं। हमारे पक्ष में ज्यादा वोटिंग हुई है।

एक अन्य कारण गिनाते हुए निरहुआ ने कहा कि लोगों को पता है कि ये लोग सत्ता से दूर हैं। इनके जीतने पर भी जिले का विकास नहीं होगा। हमारे जीतने से ही विकास हो सकेगा। इनके दस विधायक हैं लेकिन कोई विकास नहीं हो रहा है। सत्ता से दूर रहने का रोना रोते हैं, अभी तो लंबे समय तक सत्ता से दूर ही रहना है।

महिलाओं को थाने में बंद और सड़कों पर कर्फ्यू जैसा माहौल बना कम वोटिंग का कारण

रामपुर में कम वोटिंग को लेकर सपा विधायक आजम खान ने भाजपा सरकार पर निशाना साधा। साथ ही उन्होंने रामपुर में कम वोटिंग का कारण भी बताया। गुरुवार को कड़ी सुरक्षा के बीच 17 लाख मतदाताओं में से करीब 37.02 प्रतिशत मतदाताओं ने वोट डाले। सपा नेता मोहम्मद आजम खां ने प्रशासन पर सपा के मतदाताओं पर परेशान करने समेत कई गंभीर आरोप लगाए हैं जबकि  प्रशासन ने आरोपों को निराधार बताया है। उन्होंने रामपुर में हुए मतदान की निष्पक्षता पर सवाल उठाए हैं। कहा कि जिन मोहल्लों से वोटरों को आना था, वहां पुलिस लगा दी गई। बूथों पर फौज लगा दी गई। ऐसे में डरे हुए मतदाता निकल ही नहीं सके। कई मतदान केंद्रों पर कोई वोट डालने वाला ही नहीं था। यह कितना दुर्भाग्य है कि हम अपने ही मुल्क में जिल्लत और घृणा झेल रहे हैं।

राजकीय रजा स्नातकोत्तर महाविद्यालय में वोट डालने के बाद मीडिया से बातचीत में आजम की नाराजगी साफ दिखी। पुलिस पर ज्यादती का आरोप लगाते हुए कहा कि पुरुष तो दूर वोट डालने आ रही महिलाओं तक को थाने में बंद कर दिया गया। सड़कों पर कर्फ्यू जैसा माहौल बना दिया। लोगों में इतनी दहशत थी कि लोग वोट डालने के लिए घरों से ही नहीं निकले। शिकायत के सवाल पर आजम का अपने ऊपर दर्ज मुकदमों का दर्द भी छलक आया। कहा, हमारी औकात क्या है। हम बकरी चोर, भैंस चोर, शराब की दुकान लूटने वाले, हमारी कौन सुनता है। मीडिया ने भी आंखे बंद कर ली हैं।

आजम के इस्तीफे के बाद खाली हुई थी रामपुर सीट

सपा नेता मोहम्मद आजम खां के इस्तीफे के कारण रिक्त रामपुर संसदीय सीट पर गुरुवार को मतदान हुआ। सपा ने इस सीट पर आजम के खास आसिम राजा को उतारा है तो भाजपा से घनश्याम सिंह लोधी मैदान में हैं। इनके समेत कुल छह प्रत्याशी किस्मत आजमा रहे हैं। शांतिपूर्ण मतदान के लिए रामपुर में सड़क से बूथ तक पर पुख्ता इंतजाम रहे। इस दौरान कई जगह छिटपुट घटनाएं भी हुईं

बिलासपुर में पुलिस ने फटकारी लाठियां

बिलासपुर के मानपुर ओझा में ग्रामीणों ने बीएलओ पर पर्चियां न देने का आरोप लगाते हुए हंगामा किया तो पुलिस ने लाठियां फटकारकर उन्हें तितर-बितर किया। इस दौरान एक दिव्यांग समेत तीन लोगों को मामूली चोटें भी आईं। इससे नाराज लोगों ने मतदान का बहिष्कार कर दिया। हालांकि, बाद में मंत्री बलदेव औलख के समझाने पर वे मतदान को राजी हो गए। बिलासपुर में ही फर्जी वोट डालने आई एक महिला की गिरफ्तारी भी हुई। उसके साथ ही खजुरिया में भी तीन लोगों को हिरासत में लिया गया। मिलक में एक बीएलओ ने भाजपाइयों पर मारपीट का आरोप लगाया। गड़बड़ियों को लेकर शिकायतों का दौर भी दिन भर चला। सपा प्रत्याशी आसिम राजा ने डीएम, एसपी और डीआईजी से पुलिस की ज्यादती की शिकायत की तो आजम के मीडिया प्रभारी ने आरोप लगाया कि उनकी मां और बहन को वोट नहीं डालने दिया गया। शाम को आजम खां भी प्रशासन पर जमकर बरसे। कहाकि पुलिस और प्रशासन ने इतना खौफ पैदा कर दिया कि लोग वोट डालने नहीं निकले। प्रशासन ने इन आरोपों को खारिज किया है।

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Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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