Explore

Search

November 1, 2024 9:00 pm

यह मिथक नहीं सौ फीसदी सच है कि इस गांव में पांच दिन महिलाएं नहीं पहनती हैं कपड़े, पढ़िए क्या है वजह

1 Views

मनोज उनियाल की रिपोर्ट

कुल्लू। भारत ऐसा देश है जहाँ कुछ मीलों की दूरी पर ही बोली और पानी भी बदल जाती है। तभी तो एक कहावत भी प्रचलित हो गयी है “कोस-कोस पर बदले पानी ढाई कोस पर वाणी”। यहाँ ऐसी कई परंपराएं हैं, जिन्हें जानकर आप हैरान हो जाएंगे। सुनने में भले ही आपको अजीब लगे, लेकिन इन पांच दिनों में वो बिना कपड़ों के ही रहती है। ऐसा सालों से चलता आ रहा है और वो इसे अभी भी निभा रही है।

हम बात कर रहे हैं हिमाचल प्रदेश के मणिकर्ण घाटी में पीणी गांव की। जी हां, यह सच है कि इस गांव में साल में 5 दिन औरते कपड़े नहीं पहनती। इस परंपरा की खास बात यह हैं कि वह इस समय पुरुषों के सामने नहीं आती। यहां तक की महिला के पति भी अपन पत्नी को 5 दिनों तक बात नही कर सकते और न ही पत्नी को छू पायेगा। अगर ऐसे करेगा तो उनकी तभाही निश्चित मानी जाती है।

सावन में निभाई जाती है यह परंपरा

इस गांव की यह अजीबोगरीब परंपरा सावन के महीने में निभाई जाती है। मान्यता है कि इन पांच दिनों में अगर कोई भी महिला कपड़े पहनती है तो उसके घर में कुछ अशुभ हो सकता है और अप्रिय समाचार सुनाई पड़ सकता है। वर्षों से चली आ रही इस परंपरा को गांव के प्रत्येक घर में निभाया जाता है।

वक्त के साथ हुए हैं बदलाव

हालांकि वक्त के साथ कुछ चीजों में बदलाव किया गया है। अब इस परंपरा को निभाने के लिए महिलाएं पांच दिनों तक कपड़े नहीं बदलती हैं और बेहद ही पतला कपड़ा पहनती हैं। पहले महिलाएं पांच दिनों तक निर्वस्त्र रहती थीं। इन पांच दिनों में गांव के अंदर मांस-मदिरा का सेवन बंद हो जाता है। साथ ही किसी तरह का जश्न, कार्यक्रम और यहां तक कि हंसना भी बंद कर दिया जाता है। महिलाएं इन दिनों खुद को समाज से बिल्कुल अलग कर लेती हैं।

samachar
Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."