अंजनी कुमार त्रिपाठी की रिपोर्ट
यूपी के प्रयागराज में एक परिवार बुलडोजर को दूर रखने के लिए दहशत में कई तरह के दस्तावेज और बिल जमा कर रहा है, जबकि दूसरे ने ऐसा करना छोड़ दिया है। क्योंकि उसके पास दो कमरों की एक झोपड़ी है जिसका पता है- “झोपड़ पट्टी।” शहर में एक्टिविस्ट मोहम्मद जावेद के ध्वस्त घर से करीब 500 मीटर की दूरी पर 57 वर्षीय फिजिकल एजूकेशन लेक्चरर अकील अब्बास रिजवी का परिवार उम्मीद के खिलाफ उम्मीद कर रहा है कि उसका घर नहीं तोड़ा जाएगा। दूसरा परिवार सिर्फ अपने “नाबालिग” बेटे को हिरासत से वापस चाहता है। हालांकि पुलिस का कहना है कि वह 18 साल का था तब उसे गिरफ्तार किया गया।
रिजवी और युवा उन 92 लोगों में शामिल हैं, जिन्हें अब तक प्रयागराज पुलिस ने पैगंबर को निशाना बनाने वाली अपमानजनक टिप्पणियों के खिलाफ 10 जून को हुए हिंसक विरोध प्रदर्शन में कथित भूमिका के लिए गिरफ्तार किया था।
रिज़वी 37 आरोपियों की शुरुआती सूची में भी सबसे पुराने हैं, जिनकी संपत्तियों में अनियमितताओं की जांच करने के लिए पुलिस ने प्रयागराज विकास प्राधिकरण (पीडीए) को जिम्मेदारी दी थी और कहा था कि जरूरत पड़े तो ध्वस्त भी कर दें। उस सूची में “होटल में वेटर” का काम करने वाला युवक सबसे छोटा है। पुलिस के अनुसार गिरफ्तार किए गए अन्य लोगों के नाम जल्द ही जोड़े जाएंगे।
Author: samachar
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