सुरेन्द्र प्रताप सिंह की रिपोर्ट
जयपुर । ग़ौसे आज़म फाउंडेशन का एक प्रतिनिधि मंडल जयपुर जिला कलेक्टर माननीय राजन विशाल से मिला और एक ज्ञापन दिया।
ग़ौसे आज़म फाउंडेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना मोहम्मद सैफुल्लाह ख़ां अस्दक़ी ने कहा कि भाजपा की राष्ट्रीय प्रवक्ता नूपुर शर्मा द्वारा नेशनल टीवी पर हज़रत पैगम्बर मोहम्मद साहब पर अभद्र टिप्पणी के विरोध में व गिरफ्तारी व एफआईआर दर्ज करने की मांग को लेकर बूंदी शहर में दिनांक 03/06/2022 को जिला कलेक्टर बूंदी को ज्ञापन दिया गया था। शहर काजी बूंदी मुफ़्ती नदीम अख्तर द्वारा ज्ञापन के दौरान दिए गए भाषण में उन लोगों पर टिप्पणी की गई थी, जो ईशनिंदा व पैग़म्बर मोहम्मद साहब की शान में गुस्ताख़ी करते हैं।
मौलाना मोहम्मद सैफुल्लाह ख़ां अस्दक़ी ने कहा कि अपने भाषण के दौरान शहर काजी बूंदी ने किसी धर्म विशेष, समुदाय विशेष, व्यक्ति विशेष के बारे में कोई टिप्पणी नहीं की थी बल्कि ईशनिंदा करने वाले व पैग़म्बर हज़रत मोहम्मद साहब का अपमान करने वाले पर टिप्पणी की थी। परन्तु हिन्दू संगठनों के दबाव में आकर बूंदी पुलिस ने शहर काजी बूंदी पर एक झूठा एफआईआर दर्ज कर लिया।
मौलाना अस्दक़ी ने कहा कि 06/06/2022 को विहिप, बजरंगदल व अन्य हिंदूवादी संगठनों द्वारा बूंदी में जुलूस निकालकर जिला कलेक्टर को एक ज्ञापन दिया गया। जुलूस में शामिल व्यक्तियों द्वारा गाली देकर, जान से मारने की धमकी दी गई व आपत्तिजनक नारे लगाए गए एवं राजस्थान सरकार व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर टीका-टिप्पणियां की गई। सोशल मीडिया पर भी मुफ़्ती नदीम अख्तर को सर क़लम करने पर पांच करोड़ के इनाम की घोषणा की जा रही है।
मौलाना अस्दक़ी ने कहा कि ज्ञापन में मांग की गई कि मुफ़्ती नदीम अख्तर शहर काजी बूंदी को सुरक्षा प्रदान की जाए। जुलूस के आयोजकों व संगठन के लोगों द्वारा आपत्तिजनक नारे लगाकर धार्मिक भावनाएं आहत करने व राजस्थान सरकार व मुख्यमंत्री महोदय पर टीका टिपण्णी करने व दो समुदायों में द्वेष उतपन्न करने एवं संगठन के जुलूस में शामिल लोगों द्वारा मुफ़्ती नदीम अख्तर को गाली निकालकर जान से मारने की धमकी देने पर गिरफ्तार किया जाए व कड़ी कानूनी कार्यवाही करवाने की जाए और मुफ़्ती नदीम अख्तर के खिलाफ़ हुई आधारहीन एफआईआर की उच्चाधिकारियों से निष्पक्ष जांच करवाकर उक्त एफआईआर को निरस्त किया जाए।
प्रतिनिधि मंडल में जीएएफ हवा महल अध्यक्ष क़ाज़ी अबदुल हमीद नूरी, इम्तियाज़, अब्दुल्लाह, नवाब, अहमद रज़ा, सोनू, गुलज़ार, इरफ़ान, सद्दाम, फैसल, अब्दुर्रज़्ज़ाक़, फैज़ान, नदीम रज़ा आदि शामिल थे।
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."