नौशाद अली की रिपोर्ट
बलरामपुर। एक ओर पुलिस अधीक्षक राजेश कुमार सक्सेना के निर्देशन में महिला पुलिस गांव-गांव मिशन शक्ति की खूबियां गिना रही हैं तो वहीं पुलिस दुष्कर्म जैसे संगीन मामलों में लापरवाही बरतने से भी गुरेज नहीं कर रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ नारी सुरक्षा, सम्मान व स्वावलंबन के लिए मिशन शक्ति को प्रभावी बनाने पर जोर दे रहे हैं तो दूसरी ओर पुलिस दुष्कर्म मामले को लेकर पुलिस फर्जी साबित करने के लिए एड़ी चोटी एक कर रही है।
ललिया थाना के एक गांव निवासी व्यक्ति ने बताया कि उसके पट्टीदार ने उसकी पत्नी के साथ दुष्कर्म किया। जब वह थाना पर तहरीर लेकर पहुंचा तो पुलिस ने फटकार लगाते हुए शांतिभंग में चालान करने की धमकी दी। पीड़िता को भी थाने पर बैठाए रखा। उसके साथ अभद्रता करते हुए बयान बदलने का दबाव बनाया। इसके बाद दोनों पक्षों का शांतिभंग में चालान कर दिया।
थाने पर सुनवाई न होने पर पीड़िता ने पुलिस अधीक्षक कार्यालय पर गुहार लगाई। एसपी कार्यालय से जब प्रभारी निरीक्षक ललिया से जानकारी मांगी गई, तो उन्होंने मारपीट होने की बात कहकर टाल दिया। इसके बाद से पीड़िता न्याय पाने को एक माह से अधिकारियों की चौखट पर दस्तक दे रही है, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है।
प्रभारी निरीक्षक संतोष तिवारी का कहना है कि दो पट्टीदारों ने पुरानी रंजिश में आपस में मारपीट की थी। दोनों पक्षों ने एक-दूसरे को फंसाने के लिए दुष्कर्म की तहरीर दी है। मामले की गहनता से जांच के बाद ही शांतिभंग में चालान किया गया था।
क्षेत्राधिकारी ललिया राधारमण सिंह का कहना है कि घटना की गहनता से छानबीन कराई गई है। आरोप रंजिश से प्रेरित है। महिलाओं से संबंधित मामलों का गंभीरता से निस्तारण करने का निर्देश दिया गया है।
Author: samachar
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