अंजनी कुमार त्रिपाठी की रिपोर्ट
प्रयागराज, उम्र महज 13 साल, कक्षा आठ की छात्रा, और खत्म कर ली जिंदगी। इस घटना ने जान देने जैसा कठोर कदम उठाने वाली लड़की के माता-पिता और परिवार ही नहीं, समाज को भी स्तब्ध किया है। वजह भी बस इतनी सी कि पढ़ाई के चलते तनाव में थी। ऐसे में भला इस उम्र की बालिका ऐसा कैसे कर सकती है। आरएएफ सिपाही की बेटी की खुदकुशी ने इस फोर्स के कर्मचारियों को भी दुखी कर दिया है।
फाफामऊ क्षेत्र के न्यू शांतिपुरम कॉलोनी के मोहल्ले में गुरुवार की सुबह साक्षी अग्निहोत्री (13) पुत्री पुष्पराज अग्निहोत्री ने कमरे में छत के पंखे में साड़ी के सहारे लटक कर जान दे दी। दरअसल हुआ यह कि वह काफी देर तक कमरे से बाहर नहीं निकली तो घरवालों ने उसे आवाज दी, लेकिन कोई हलचल नहीं हुई। जब देर तक कोई आहट नहीं मिली तो संदेह होने पर खिड़की से कमरे में देखने पर सभी सन्न रह गए। पंखे के सहारे साड़ी के फंदे से साक्षी का शव लटक रहा था। परिवार के लोग यह देख रोने कलपने लगे। बेटी की मौत हो चुकी थी।
इस बारे में सूचना पाकर पहुंची फाफामऊ थाने की पुलिस ने मौके पर जांच पड़ताल और घरवालों से बातचीत के बाद शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। मृतक छात्रा के पिता रैपिड एक्शन फोर्स 101 बटालियन शांतिपुरम में सिपाही पद पर कार्यरत हैं। घटना के वक्त वह कानपुर गए हुए थे। थानाध्यक्ष फाफामऊ आशीष सिंह सिसोदिया का कहना है कि कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है। छात्रा पढ़ाई के चलते कई दिनों से तनाव में थी, ऐसा परिवार के लोगों ने ही बताया है। सच्चाई क्या है, ये घरवाले ही जानते हैं मगर लोग हैरान-परेशान हैं।
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Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."