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November 23, 2024 1:23 pm

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दो बूंद पानी के लिए तरस गया करोड़ों का मालिक, दो दिन भूख प्यास से तड़पकर दे दी जान, पढ़िए लोमहर्षक समाचार

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पुनीत नौटियाल की रिपोर्ट

भोपाल। करोड़ों के मालिक और 24 घंटे गुर्गों से घिरा रहने वाला गैंगस्टर मुख्तार मलिक दो बूंद पानी के लिए भी तरस गया। भोपाल से फरार मुख्तार राजस्थान के झालावाड़ में गैंगवार में घायल होने के बाद जंगल में भटकता रहा। दो दिन भूख-प्यास से तड़पने के बाद उसकी मौत हो गई। जंगल में चलते-चलते उसके पैरों में फफोले पड़ गए। चमड़ी भी उधड़ गई। शॉर्ट पीएम रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है। इधर, मुख्तार का साथी विक्की वाहिद भी उसे छोड़कर भोपाल भाग आया।

झालावाड़ के DSP गिरिधर सिंह के मुताबिक मंगलवार देर रात गैंगवार में मुख्तार के साथ उसका साथी विक्की वाहिद भी घायल हुआ था। विक्की ने मुख्तार की पत्नी शिबा मलिक को गैंगवार के बारे में जानकारी दी। पति की मदद के लिए बुधवार सुबह शिबा मलिक कार से भीमसागर बांध एरिया में पहुंची। शिबा को यहां विक्की मिला। उसने बताया कि मुख्तार भाई ठीक हैं, वह दरगाह में छिपे हैं। पुलिस पहुंचने से पहले शिबा मलिक ने विक्की को कार से मध्यप्रदेश बॉर्डर पर छोड़ दिया। इसके बाद शिबा ने पुलिस को सूचना दी। बुधवार से परिजन के साथ पुलिस मुख्तार की तलाश करती रही, लेकिन पता नहीं चला।

शुक्रवार सुबह 7.30 बजे झालावाड़ के भीमसागर बांध के कैचमेंट एरिया के आगे जंगल में ग्रामीणों ने मुख्तार को घायल देखा। इसकी सूचना पुलिस को दी। 12 किलोमीटर तक पैदल चलकर पुलिस जंगल में पहुंची। तब तक मलिक की हालत नाजुक हो चुकी थी। पुलिस ने उसे अस्पताल भेजा। यहां इलाज के दौरान मौत हो गई। DSP गिरिधर सिंह बताते हैं कि विक्की वाहिद पुलिस से बचने के लिए राजस्थान से भाग निकला। यदि वह समय से पुलिस को बता देता, तो संभवत: मुख्तार को जल्दी तलाशा जा सकता था।

घिसटते हुए लोगों ने देखा, बोल नहीं पा रहा था

डीएसपी गिरिधर सिंह का कहना है कि शुक्रवार सुबह गांववालों ने मुख्तार को जंगल में घिसटते देखा। वह भूख-प्यास से तड़प रहा था। इतना थक चुका था कि वह बोल भी नहीं पा रहा था। पैरों से खून बह रहा था। चमड़ी कट चुकी थी। आशंका है कि इलाके की जानकारी नहीं होने से जंगल में दो दिन तक वह भटकता रहा।

61 साल की उम्र में 58 केस

गैंगस्टर मुख्तार की उम्र 61 साल थी। वह 21 साल की उम्र में पहली बार रेप केस में जेल गया था। यहीं से उसके अपराध की फेहरिस्त लंबी होती गई। मंगलवार-बुधवार रात उसकी और राजस्थान के बंटी गैंग के बीच गैंगवार हुआ था। दोनों गैंग के बीच भीमसागर बांध के कैचमेंट एरिया में मछलियां पकड़ने को लेकर विवाद हो गया था। इसके बाद दोनों गैंग के बीच फायरिंग हुई। गैंगवार में मुख्तार गैंग के एक गुर्गे कमल की मौत हो गई थी। मुख्तार समेत उसका राइट हैंड विक्की वाहिद घायल हो गया था।

विक्की वाहिद भोपाल का खूंखार गैंगस्टर है। उस पर लूट, हत्या की कोशिश, तस्करी समेत 38 अपराध भोपाल के अलग-अलग थानों में दर्ज हैं। मुख्तार मलिक की मौत के पीछे विक्की वाहिद की बेईमानी है। वह मुख्तार को सुरक्षित जगह में बताकर उसकी पत्नी की कार में बैठकर भोपाल भाग आया। मुख्तार का परिवार भी विक्की की इस हरकत से नाराज है।

मुख्तार के अपराधों की कुंडली

मुख्तार मलिक पर हत्या समेत 58 गंभीर केस दर्ज हैं। तत्कालीन मुख्यमंत्री सुंदरलाल पटवा को धमकी देकर वह अपराध की दुनिया में सुर्खियों में आया था। इसके बाद 1982 में सबसे पहले ज्यादती के आरोप में गिरफ्तार हुआ। यह उसका पहला अपराध था। भोपाल की जिला अदालत में मुन्ने पेंटर गैंग के बीच हुए गैंगवार में मुख्तार को 2006-07 में हाईकोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई थी। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट में वह बरी हो गया। मुख्तार के खिलाफ हत्या, हत्या के प्रयास, ज्यादती, अपहरण और अड़ीबाजी समेत 58 अपराध दर्ज हैं। मुख्तार 1990 में तत्कालीन मुख्यमंत्री सुंदरलाल पटवा तक को धमका चुका है। 1996 में इसने फिरौती के लिए रायसेन जिले के तीन बच्चों का अपहरण किया था। अपराध की दुनिया में 1982 से वो भोपाल में एक्टिव है।

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Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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