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28 December 2024 1:53 pm

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राष्ट्रपति कानपुर दौरे पर विदेशी फलों का नाश्ता और आलिव आयल से बनी लौकी की सब्जी, खाने में लेंगे और क्या क्या ? पढ़िए पूरी खबर

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दुर्गा प्रसाद शुक्ला की रिपोर्ट

कानपुर। राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद तीन जून को दोपहर करीब एक बजे अपने विशेष विमान से चकेरी पहुंचेंगे। 10 मिनट बाद वह अपने गांव परौंख के लिए रवाना हो जाएंगे। परौंख में कार्यक्रम समाप्त होने के बाद वह शाम 4:35 बजे चकेरी एयरपोर्ट आएंगे। यहां से सर्किट हाउस पहुंचकर विश्राम करेंगे। राष्ट्रपति शाम को अपने गेस्ट से मुलाकात करेंगे। 4 जून की सुबह 10 बजे मर्चेंट चेंबर के कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे। कार्यक्रम समापन होने के बाद वह 11:30 बजे दिल्ली लौट जाएंगे

कानपुर आगमन के दौरान राष्ट्रपति सर्किट हाउस में सादा खाना खाएंगे। इसे दिल्ली में उनके साथ आने वाला खानसामा तैयार करेगा। रामनाथ कोविंद गाय का दूध पीएंगे और खाने में लौकी की सब्जी खाएंगे। भोजन कम मसाले, कम खट्टा और ऑलिव ऑयल में बनेगा। सर्किट हाउस में रात्रि विश्राम के दौरान वे ये खाना खाएंगे।

खाने-पीने की व्यवस्था में लैंडमार्क होटल की टीम मदद करेंगी। सर्किट हाउस की रसोई तैयार की जा रही है। राष्ट्रपति सब्जी के साथ मल्टीग्रेन आटे की रोटी खाएंगे। खाने में दही जरूर परोसा जाएगा। खाने के बाद और सुबह वह गाय का दूध पीते हैं।

नाश्ते के लिए विदेशी फल मंगाए गए हैं। हालांकि, वे कौन से फल इसकी जानकारी नहीं दी गई है। अन्य सदस्यों और आने वाले मेहमानों का खाना अलग से तैयार किया जाएगा। अफसरों के मुताबिक फल और खाने-पीने की सामग्री के साथ मसाले राष्ट्रपति भवन से सामान के साथ आते हैं।

ग्रीन पार्क से भेजा गया ट्रेडमिल

राष्ट्रपति सुबह उठकर मार्निंग वॉक करते हैं। उनकी सुविधा के लिए ग्रीन पार्क से ट्रेडमिल मंगाकर सर्किट हाउस में लगाई गई है क्योंकि सर्किट हाउस में टहलने के लिए पर्याप्त जगह नहीं है। इसलिए ट्रेडमिल लगाई गई है। सुबह वे इस पर ही वॉक कर सकते हैं।

भेंट की गई गणेश जी की प्रतिमा देखेंगे

बिहार के राज्यपाल रहते हुए राष्ट्रपति ने दिसंबर-2015 को सर्किट हाउस को गणेश जी की मूर्ति भेंट की थी। इस बार सर्किट हाउस में ही उसे मेन गेट पर लगवाया गया है। राष्ट्रपति इसे भी देखेंगे। वहीं, कानपुर दौरे के दौरान राष्ट्रपति ने सर्किट हाउस में पीपल का पेड़ लगाया था। पिछले दौरे में पौधे की ग्रोथ को देखकर कहा था, ये इतनी जल्दी इतना बड़ा हो गया। इस बार भी वे इसे देख सकते हैं।

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Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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