दुर्गा प्रसाद शुक्ला की रिपोर्ट
शामली, शामली निवासी दीपक शर्मा की झिंझाना में अंग्रेजी शराब की दुकान है। दुकान से हर रोज रुपये गायब हो रहे थे। काफी प्रयास के बाद भी चोरों का पता नहीं चला। दुकान मालिक ने कर्मचारियों पर शक करते हुए कई कर्मचारियों को बदल भी दिया, लेकिन चोरी नहीं रुकी।
दीपक शर्मा का कहना है कि करीब तीन महीने पहले उन्हें गल्ले से रुपये चोरी होने का शक हुआ तो उन्होंने पैसे गिनकर गल्ले में रखने शुरू कर दिए। रात में दुकान बंद करके जाते थे, लेकिन सुबह कई नोट गायब मिलते। इससे निपटने के लिए उन्होंने गल्ले को फोकस करके कैमरा भी लगवाया लेकिन चोर कैमरे में कैद नहीं हुआ और चोरी होती रही।
तीन दिन पहले जब दीपक शर्मा ने दुकान खोली तो उन्हें फर्श पर कपड़े का कटा हुआ टुकड़ा मिला। उन्होंने जैसे ही कपड़ा हटाया, वहां चूहे का बिल दिखाई दिया। इस बिल में कुछ नोट भी फंसे थे। उन्होंने बिल से नोट निकालने का प्रयास किया तो बिल में और भी नोट फंसे दिखे। उन्होंने दुकान में लगी टाइल्स तोड़ीं तो चूहे के बिल से पांच हजार 830 रुपये के नोट मिले। इनमें से करीब 2200 रुपये चूहों ने कुतरकर खराब कर दिए थे। दीपक का कहना है कि चोरी हुआ एक-एक पैसा मिल गया है। उन्होंने दुकान पर काम करने वाले लोगों को भी इसकी जानकारी दी।
Author: samachar
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