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November 2, 2024 12:54 pm

आतंकियों को देख भागने की बजाय भिड़ गई सात साल की यह बच्ची, खुद घायल हो गई और पिता ने मौत चूम लिया

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रोहित जंडियाल की रिपोर्ट

जम्मू : श्रीनगर शहर के बाहरी क्षेत्र सौरा में आतंकियों ने मंगलवार को एक और कायरतापूर्ण हमला किया, लेकिन इस बार उनका सामना एक दिलेर सात साल की बच्ची से हुआ। हुआ यूं कि पुलिस कांस्टेबल सैफुल्ला कादरी अपनी सात साल की बच्ची को ट्यूशन छोडऩे के लिए अभी घर के गेट के बाहर ही निकले थे कि सामने आतंकी आ धमके।

आतंकियों ने कांस्टेबल पर बंदूकें तान ली। यह देख सात साल की मासूम सफा सबकुछ भांप गई। वह अपने पिता को बचाने के लिए आतंकियों के आगे डट गई और कड़ा प्रतिरोध करने लगी। लेकिन आतंकियों को कोई रहम नहीं आया और उन्होंने दोनों पर गोलियों की बौछार कर दी। इस हमले में कांस्टेबल बलिदान और सफा गोली लगने से घायल हो गई। सफा के दाहिने हाथ पर गोली लगी है और उसका अस्पताल में इलाज चल रहा है, हालांकि उसकी हालत खतरे से बाहर है।

वहीं, इस हमले के बाद सुरक्षाबलों ने पूरे क्षेत्र को घेरकर आतंकियों को पकडऩे के लिए अभियान शुरू कर दिया है। इस बीच, उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने आतंकी हमले की कड़ी निंदा करते हुए बलिदानी पुलिसकर्मी के स्वजन के प्रति गहरी संवेदना जताई।

यह वारदात मंगलवार शाम श्रीनगर जिले के अंचर इलाके के मलिक मोहल्ला में हुई। हमले के समय सैफुल्ला कादरी के स्वजन घर पर ही थे। गोलियों की आवाज सुनकर स्वजन भागकर बाहर आए और खून से लथपथ सैफुल्ला और सफा को देखकर पड़ोसियों की मदद से उन्हें तुरंत शेर-ए-कश्मीर इंस्टीट्यूट आफ मेडिकल सांइसेस (सौरा) पहुंचाया। इसी बीच आतंकी भी घटनास्थल से भाग निकले। वहीं, कांस्टेबल कादरी ने अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया, जबकि बेटी का उपचार जारी है।

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Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."