नौशाद अली की रिपोर्ट
बहराइच, बहराइच में बाघ के हमले से वृद्ध की जान जाने से पूरेे गांव में सन्नाटा फैल गया है। दो महीने में ये तीसरी घटना है कि बाघ ने लोगों को निवाला बना लिया है। वन विभाग भी चुप्पी साधे हुए बैठा है।बुधवार को थाना सुजौली क्षेत्र में कतर्नियाघाट वन्यजीव प्रभाग के कतर्नियाघाट रेंज अंतर्गत नेपाल बार्डर से सटे बर्दिया गांव में सुबह 10 बजे गांव के किनारे मवेशी चराने गए वृद्ध देशराज (65) पुत्र पाटन पर बाघ ने हमला कर उसे मौत के घाट उतार दिया।
घटना आम्बा गांव निवासी बाबूराम के खेत के पास की है। ग्रामीणों ने बताया कि पिछले पांच वर्षों में बर्दिया गांव में बाघ के हमले से करीब एक दर्जन घटनाएं हो चुकी हैं, लेकिन वन विभाग ने ग्रामीणों की सुरक्षा को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठाया है। मौके पर पंहुचे हलका लेखपाल हेमंत श्रीवास्तव, रवि वर्मा व अरुण सिंह ने बताया कि मृतक के दो पुत्र थे, जिसमें एक पुत्र की पहले आकस्मिक मौत हो चुकी थी। अब परिवार की जिम्मेदारी रमेश के कंधों पर आ चुकी है। लेखपाल ने बताया कि कागजी कार्रवाई के बाद परिवार को मुआवजा दिलाया जाएगा ।
आसपास खेत में काम कर रहे लोग वृद्ध की चीखें सुनकर हांका लगाते हुए दौड़ पड़े। जब तक ग्रामीण बाघ के चंगुल से वृद्ध को छुड़ाते, तब तक उसकी मौत हो चुकी थी। घटना से पीड़ित परिवारजनों में कोहराम मच गया। ग्रामीण अनिल कुमार, शकील अहमद, जगदीश भार्गव, कृष्ण कुमार, हरिभागवान यादव, विजय सिंह, कौशर अली आदि ने बताया कि घटना की सूचना के दो घंटे बाद वन विभाग और पुलिस की टीम घटनास्थल पर पंहुची है।
इससे पहले राकेश पुत्र मुरारी और अवधराम पुत्र बदलू को बाघ ने निवाला बना लिया था। प्रभागीय वन अधिकारी आकाशदीप अदाओं ने बताया कि मृतक के परिवारजनों को दुधवा कंजर्वेशन फाउंडेशन की ओर से अंत्येष्टि के लिए 5000 रुपये की सहायता दी गई है। मौके पर वन क्षेत्राधिकारी रामकुमार, वन दारोगा पवन शुक्ल समेत टीम मौजूद है।
Author: samachar
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