Explore

Search

November 2, 2024 12:47 pm

दौड़ा दौड़ा कर सिपाहियों को पीटा भी और हंसिया लेकर डराया भी, पढ़िए ऐसा क्यों हुआ?

1 Views

दुर्गा प्रसाद शुक्ला की रिपोर्ट

बांदा । जिले में बबेरू कोतवाली क्षेत्र के पंडरी गांव में दबंग परिवार ने पुलिस पार्टी पर हमला कर दिया। पथराव करते हुए लाठी-डंडा और हसिया लेकर दौड़ा लिया। हमले में चार सिपाहियों के गंभीर चोट आई हैं। सभी को सीएचसी में भर्ती कराया गया है। सूचना पर आलाधिकारी और कई थानों की फोर्स मौके पर पहुंच गई। पूरा गांव छावनी में तब्दील हो गया। दबंग परिवार की चार महिलाओं को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है, जबकि सभी पुरुष फरार हैं। सिपाही नोटिस तामील कराने गए थे। 

बबेरू कोतवाली क्षेत्र के सिमौनी चौकी के सिपाही बृजेश कुमार, सुखबीर सिंह शुक्रवार को बाइक से पंडरी गांव पुराने मामले की नोटिस तामील कराने केशव यादव के यहां गए थे। दोनों सिपाहियों को देख वहां काफी लोग जमा हो गए। ट्यूबवेल में केशव यादव व उसके परिवार के लोग ईंट की पथाई का काम कर रहे थे। दबंग परिवार ने नोटिस लेने के बाद फाड़ दिया। सिपाहियों ने इसका विरोध किया। इससे नाराज केशव उसके बेटे, भतीजों और घर की महिलाओं ने गालीगलौज शुरू कर दी। दोनों सिपाहियों ने थाने के सिपाही सलमान (29) और प्रवेश यादव (29) को मदद के लिए फोन किया।

दोनों सिपाही मदद के लिए पहुंचते, इससे पहले दंबग परिवार ने सिपाही बृजेश कुमार, सुखबीर सिंह पर लाठी-डंडे व हसिया से हमला करते हुए पथराव शुरू कर दिया। सिपाही सुखबीर (29) लहूलुहान होकर गिर पड़ा। उसके सिर और हाथ-पैर में गंभीर चोट आई है। इतने में सिपाही सलमान और प्रवेश यादव पहुंच गए। दबंगो ने उनपर भी पथराव किया। चारों सिपाही अपने को घिरा देख जान बचाने के लिए ग्राम प्रधान हिमांचल यादव के घर में घुस गए। जहां सूचना थाना प्रभारी और आलाधिकारियों को दी।

जानकारी पर तुरंत सीओ बबेरू सत्यप्रकाश शर्मा, कोतवाली प्रभारी अरुण कुमार पाठक के अलावा तिंदवारी, बिसंडा, कमासिन व मरका थाने की फोर्स गांव पहुंच गई। 

बांदा एसपी लक्ष्मी निवास मिश्रा ने बताया, घायल पुलिस कर्मियों की तहरीर पर दबंग परिवार के 8 नामजद समेत 14 के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। बलवा, सरकारी कार्य में बाधा, लूट सहित अन्य गंभीर धाराएं लगाई गई हैं। फरार आरोपितों की धरपकड़ के लिए टीम जुटी है। 

samachar
Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."