Explore

Search
Close this search box.

Search

12 January 2025 7:39 am

लेटेस्ट न्यूज़

भीषण गर्मी के बीच ग्रामीण क्षेत्रों में हो रही बिजली कटौती को लेकर राहत भरी खबर

32 पाठकों ने अब तक पढा

चुन्नीलाल प्रधान की रिपोर्ट

लखनऊ। बिजली कटौती को देखते हुए योगी सरकार ने अतिरिक्त इंतजाम किया है। एक मई से योगी सरकार इसे लागू करेगी।

भीषण गर्मी के बीच हो रही बिजली कटौती को लेकर राहत भरी खबर है। बिजली की बढ़ी मांग को देखते हुए योगी सरकार ने एक मई से लगभग दो हजार मेगावाट अतिरिक्त बिजली का इंतजाम किया है। राहत की बात यह है कि उ.प्र. पावर कारपोरेशन प्रबंधन की कोशिशों से बारा की 660 मेगावाट क्षमता की यूनिट से बिजली उत्पादन शुरू हो गया। रविवार से और 2000 मेगावाट बिजली की उपलब्धता बढ़ने के आसार हैं। शनिवार को राज्य में बिजली की अधिकतम मांग 23000 मेगावाट रही जबकि उपलब्धता 19366 मेगावाट थी। 

सिक्किम एवं हिमाचल प्रदेश से 400 मेगावाट हाइड्रो पावर जुटाने के अलावा बैंकिंग ( पूर्व में दी गई बिजली के बदले अब बिजली लेने की व्यवस्था) की 325 मेगावाट विद्युत मध्य प्रदेश से और लगभग 283 मेगावाट बिजली राजस्थान से मिलने की संभावना है। इसी तरह बिडिंग के जरिए भी 430 से 950 मेगावाट बिजली की व्यवस्था की जा रही है। यूपी में केंद्रीय सेक्टर से 332 मेगावाट, राज्य सेक्टर से 118 मेगावाट तथा अन्य श्रोतों से 331 मेगावाट की उपलब्धता 29 अप्रैल से बढ़ी है। 

शुक्रवार की अपेक्षा शनिवार को राज्य को अपनी उत्पादन इकाइयों के साथ ही सेंट्रल सेक्टर, आईपीपी से कुछ अधिक बिजली उपलब्ध हुई। सेंट्रल सेक्टर से 500 मेगावाट वृद्धि के साथ 8500 मेगावाट, उ.प्र. विद्युत उत्पादन निगम से 300 मेगावाट की वृद्धि के साथ 4300 मेगावाट, आईपीपी से 700 मेगावाट वृद्धि के साथ 6200 मेगावाट बिजली राज्य को मिली। वहीं हाइड्रो से शुक्रवार को 600 मेगावाट बिजली मिली थी जो शनिवार को घटकर 366 मेगावाट पर आ गई। उ.प्र. पावर कारपोरेशन के चेयरमैन एम. देवराज के मुताबिक लगातार कोशिशों से बिजली की उपलब्धता में कुछ सुधार होना शुरू हुआ है। रविवार से शार्ट टर्म एग्रीमेंट के तहत बाहर से 1000 मेगावाट अतिरिक्त बिजली मिलने लगेगी। हरदुआगंज की 660 मेगावाट की बंद यूनिट से भी उत्पादन शुरू हो जाने की उम्मीद है। अन्य स्त्रोतों से भी बिजली लेने का इंतजाम किया जा रहा है। 

भीषण गर्मी के कारण प्रदेश में बिजली की मांग बेतहाशा बढ़ी है। वर्तमान में प्रदेश की मांग लगभग साढ़े बाइस हजार मेगावाट तक पहुंच गई है। बावजूद इसके उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन प्रदेश में बिजली आपूर्ति को सामान्य रखने के लिए युद्धस्तर पर प्रयास कर रहा है। इस बढ़ी हुई मांग को देखते हुए पावर कारपोरेशन रिकार्ड विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित कर रहा है। इसके लिए बिजली उत्पादन की जो इकाइयां तकनीकी या किसी अन्य कारणों से बन्द हैं, उन्हें भी शीघ्र चालू करने का प्रयास किया जा रहा है। हरदुआगंज एवं बारा की बन्द इकाइयों को ठीक कर पुनः चालू किया गया है। बिजली की निर्बाध आपूर्ति के लिए प्रीवेन्टिम मेनटेनेन्स एवं क्षमता वृद्धि का कार्य तेजी से किया जा रहा है। साथ ही बिजली आपूर्ति की गहन मॉनीटरिंग की जा रही है। सभी वितरण निगमों में 24 घंटे कन्ट्रोल रूम कार्यरत हैं।

कोयले के स्टाक में गिरावट जारी

शनिवार को अनपरा उत्पादन गृह को 30 हजार एमटी कोयला मिला। यहां पर कोयले का स्टाक पांच दिन का शेष है। ओबरा को 15700 एमटी कोयला मिला। यहां इस समय कोयले का स्टाक चार दिन का शेष है। हरदुआगंज में 7700 एमटी कोयला आया। यहां पर कोयले का स्टाक तीन दिन के लिए बचा है। वहीं पारीछा में 19 हजार एमटी कोयला आने के बाद भी एक ही दिन का कोयला स्टाक में शेष बचा है। शुक्रवार को उत्पादन गृहों के पास तय स्टाक के मुकाबले जहां 18 फीसदी कोयला उपलब्ध था शनिवार को स्टाक और कम हुआ 17 फीसदी पर आ गया। 

उपभोक्ताओं को बेहतर सुविधा देने के लिए टोल फ्री नम्बर 1912 की लगातार मॉनीटरिंग की जा रही है। स्थानीय खराबी को कम से कम समय में ठीक कराने की कोशिश की जा रही है। अप्रैल माह में 1912 टोल फ्री नम्बर पर पूरे प्रदेश से 17000 शिकायतें मिलीं, जिसमें 16418 का निस्तारण कर दिया गया है। इसी तरह 180000 शिकायतें बिजली आपूर्ति से संबंधित प्राप्त हुई, इसमें भी 177838 का निस्तारण कर दिया गया।

samachar
Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

लेटेस्ट न्यूज़