संजय सिंह राणा की रिपोर्ट
चित्रकूट- ज़िले के रामनगर ब्लाक मुख्यालय में हल्का लेखपाल अरबाज सिद्दीकी की मनमानी खूब देखने को मिली जिसमें लेखपाल ने मऊ तहसील के ज़िम्मेदार अधिकारियों को गुमराह कर व थाना रैपुरा की पुलिस लेकर जेसीबी मशीन लेकर ग़रीब का झोपड़ा गिरा दिया व झोपड़ा संचालित करने वाली वृद्ध महिला को धक्का दे दिया जिसमें महिला के गंभीर चोटें आई हैं वही लेखपाल द्वारा पूर्व प्रधान द्वारा अवैध रूप से ग्राम सभा की ज़मीन पर कब्जा कर मकान निर्माण कराने वाले के ऊपर कोई कार्यवाही न करना सवालिया निशान लगा रहा है l
मामला है रामनगर ब्लाक मुख्यालय के बस स्टैंड के पास स्थित ग़रीब के झोपड़े का
रामनगर बस स्टैंड के पास राष्ट्रीय राजमार्ग के किनारे ग्राम सभा की बंजर जमीन पड़ी है जहां पर कुछ अनूसूचित जाति के लोगों का पूर्व में पट्टा हुआ था जिसमें पीड़ित भोला ने लगभग चालीस साल पहले पट्टा धारक से ज़मीन खरीदी थी वहीं पर कुछ ज़मीन अन्य लोगों की थी जिनसे भोला ने नोटरी करवाई थी व पिछले चालीस साल से वहीं पर सब्जी व पान मसाला की दुकान संचालित कर रहा था लेकिन हल्का लेखपाल अरबाज सिद्दीकी ने कुछ दबंगों की मिलीभगत से अनूसूचित जाति के एक ग़रीब व्यक्ति भोला को बंजर जमीन का हवाला देते हुए पहले एक लाख रुपए की डिमांड की जिसको पूरी नही करने पर झोपड़ा गिराने की बात कही लेकिन पीड़ित भोला द्वारा पैसे देने में असमर्थता जताने पर लेखपाल आग बबूला हो गया व तहसील मऊ के जिम्मेदार अधिकारियों को गुमराह कर व रैपुरा पुलिस की मदद लेकर जेसीबी मशीन लेकर ग़रीब भोला का झोपड़ा गिराने पहुंच गया जिसमें भोला की पत्नी सुशीला ने विरोध किया तो लेखपाल अरबाज सिद्दीकी ने धक्का देकर वृद्ध महिला सुशीला को गिरा दिया जिसके कारण सुशीला को चोट लग गई l
पीड़ित भोला झोपड़ा न गिराने की गुहार लगाता रहा लेकिन किसी ने एक न सुनी उनकी जेसीबी मशीन पल भर में ग़रीब भोला के रोज़ी रोटी के साधन को नेस्तनाबूत कर दिया इस बंजर जमीन पर और भी कई मकान बने हुए हैं लेकिन किसी पर कोई कार्यवाही नहीं की गई l
वहीं रामनगर गांव के पूर्व प्रधान राजकरन ने ग्राम प्रधान रहते हुए ग्राम सभा की सरकारी जमीन पर अवैध रूप से कब्ज़ा कर मकान निर्माण करा लिया है जिसमें तहसील मऊ के जिम्मेदार अधिकारियों से अवैध कब्जे की शिकायत भी की गई थी व शिकायत के बाद तहसील मऊ के जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा जांच भी की गई थी जिसमें पूर्व ग्राम प्रधान राजकरन द्वारा अवैध कब्जे की बात सत्य पाई गई थी लेकिन हल्का लेखपाल व तहसील मऊ के जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा पूर्व प्रधान से मोटी रकम वसूल कर मामले को रफा दफा करने का काम किया गया है l
मुख्यमंत्री महोदय द्वारा गरीबों के घर व झोपड़े गिराए जाने पर सख्त पाबंदी लगाई गई है लेकिन हल्का लेखपाल द्वारा शासन के निर्देशों का खुला उलंघन करते हुए ग़रीब का झोपड़ा गिराने का काम किया गया जबकि इसी झोपड़े पर सब्जी व पान मसाला की दुकान संचालित कर अपने परिवार का भरनपोषण करता था l
पीड़ित ने मुख्यमंत्री सहित ज़िम्मेदार अधिकारियों को पत्र लिखकर न्याय की गुहार लगाई है व अपनी दबंगई के बल पर व शासन के निर्देशों का खुला उलंघन कर झोपड़ा गिरवाने वाले हल्का लेखपाल अरबाज सिद्दीकी के ऊपर कार्यवाही की मांग की है l
सबसे बडी सोचने वाली बात यह है कि अगर पीड़ित भोला द्वारा हल्का लेखपाल अरबाज सिद्दीकी को एक लाख रुपए दे दिया गया होता तो शायद ग़रीब का झोपड़ा नही गिराया जाता जबकि पूर्व प्रधान राज करन द्वारा मोटी रकम दी गई जिसके कारण पूर्व प्रधान द्वारा कब्जाई गई ग्राम सभा की जमीन व अवैध निर्माण पर कोई कार्यवाही नहीं की गई l
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Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."