संजय सिंह राणा की रिपोर्ट
चित्रकूट- पेयजल व्यवस्था को चुस्त दुरुस्त करने के लिए सरकार द्वारा लाखों रुपए का बजट दिया जा रहा है जिसमें ग्राम पंचायतों में हैंड पंप री बोर हो सकें व ग्रामीणों को पेयजल व्यवस्था के लिए दूर दराज न जाना पड़े लेकिन ग्राम प्रधान व सचिव की मिलीभगत से री बोर हैंड पंप को पुराने हैंडपंप स्थल से लगभग 200 मीटर से 500 मीटर की दूरी पर री बोर कराए जा रहे है जिसके कारण लोगों को पेयजल के लिए दूर दराज से पानी लाना पड़ रहा है l
*ऐसा ही एक मामला सामने आया है मऊ ब्लाक के ग्राम पंचायत भिटारी का l*
मऊ ब्लाक के ग्राम पंचायत भिटारी में ग्राम प्रधान बाला नंद पाण्डेय व सचिव कुसुम पाल की मनमानी खूब देखने को मिल रही है जहां पर शासकीय नियमावली को दर किनार करते हुए री बोर कराने का काम किया गया है यह री बोर पुराने हैंडपंप स्थल से लगभग दो से पांच सौ मीटर की दूरी पर लगाए गए हैं जो शासकीय नियमावली के विपरीत है l
ग्राम पंचायत में दिव्यांग हरिश्चंद्र पाण्डेय के घर के पास लगे हैंड पंप को री बोर के नाम पर एक निजी व्यक्ति विशेष के घर के सामने लगा दिया गया है जिसकी दूरी लगभग तीन सौ मीटर है एक दिव्यांग व्यक्ति हरिश्चंद्र पाण्डेय इतनी दूर से पानी कैसे लायेगा हरिश्चंद पांडेय बैसाखी के सहारे चल रहा है वहीं राजबाबू पाण्डेय के घर के पास लगे हैंड पंप का री बोर लगभग तीन सौ मीटर की दूरी पर कराया गया है वहीं दूसरी ओर एक मेहतर के घर के पास लगे हैंड पंप का री बोर लगभग पांच सौ मीटर की दूरी पर लगाया गया है जिसके कारण पेयजल व्यवस्था के लिए काफी दूर से पानी लाना पड़ता है l
वहीं ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि ग्राम प्रधान बाला नंद पाण्डेय द्वारा निजी व्यक्तियों को लाभ पहुंचाने के लिए उनके घर के पास री बोर कराया गया है व री बोर कराए जाने के एवज में लगभग दस हजार रूपए प्रति री बोर का लिया गया है l
सवाल यह भी उठता है कि शासन की गाइड लाइन के अनुसार री बोर की दूरी पुराने हैंडपंप स्थल से लगभग 100 मीटर के अन्दर होनी चाहिए लेकिन ग्राम पंचायत भिटारी में ग्राम प्रधान बाला नंद पाण्डेय व सचिव कुसुम पाल द्वारा शासन के निर्देशों को दरकिनार कर पुराने हैंडपंप स्थल से लगभग सैंकड़ों मीटर की दूरी पर हैंड पंप री बोर कराए गए हैं जिसके कारण लोगों को पेयजल व्यवस्था के लिए दूर दराज से पानी लाना पड़ता है l
Author: samachar
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