टिक्कू आपचे की रिपोर्ट
मुंबई । महाराष्ट्र के लातूर जिले मे विश्वरत्न डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर की 72 फीट ऊंची विराजमान प्रतिमा लगाई गई है, लेकिन यह प्रतिमा बाबासाहेब की नहीं है, बल्कि इसका मजाक उड़ाया गया है। त्वरित मूर्ति समिति, कलाकार और सांसद सुधाकर श्रुगारे पर एट्रोसिटी एक्ट के तहत कार्रवाई की जाने की मांग आरटीआई ऍक्टिव्हिस्ट डॉ. राजन माकणीकर ने की है।
रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया डेमोक्रेटिक पार्टी व पॅन्थर ऑफ सम्यक योद्धा समाजिक संघटन के राष्ट्रीय महासचिव डॉ. पैंथर. राजन माकणीकर ने “स्टेच्यू ऑफ नॉलेज” प्रतिमा पर आपत्ति जताते हुए मुख्यमंत्री और महाराष्ट्र राज्य पुलिस आयुक्त के पास शिकायत दर्ज कराई है।
डॉ. माकणीकर का कहना है कि, भाजपा जानबूझकर बाबासाहेब अंबेडकर और उनसे जुड़ी घटनाओं, वास्तुकला और चीजों का मजाक बना रही है। और येह कार्य निंदनीय है इसे हम बरदास्त नही करेंगे.
डॉ. अंबेडकर भवन, भीमा कोरेगांव, राजगृह और भारतीय संविधान के साथ अब लातूर में बाबासाहेब अंबेडकर की 72 फुट ऊंची प्रतिमा का मजाक उड़ाया गया है. यह प्रतिमा अंबेडकर की पहचान पर हमला है और इस प्रतिमा को तत्काल हटाकर नई प्रतिमा का निर्माण कर आंबेडकर समुदाय के आक्रोश सरकार को बचना चाहिये. नही तो राज्य मे बुरे आसार पैदा होने की संभावना भी डॉ. माकणीकर जताई है.
मूर्ति समिति, सांसद सुधाकर श्रुगारे, भाजपा कार्यकारिणी और कलाकारोने जान बुझकर विद्रुप मूर्ती बनाकर व्यंग किया है इससे पिछड़े वर्ग और अंबेडकरवादी अनुयायियों की भावनाओं को ठेस पहुंचाने वालों के खिलाफ ऍट्रॉसिटी अधिनियम के तहत कार्रवाई करके, तत्काल नई सुंदर प्रतिमा स्थापित की जाए जाणे की मांग विद्रोही पत्रकार डॉ. माकणीकर ने की है. जल्द से नयी मूर्ती का निर्माण ना किया तो तीव्र आंदोलन होगा येह ईशारा भी दिया गया है.
Author: samachar
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