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November 1, 2024 11:04 pm

मौत के खौफ ने कराई प्रतीज्ञा ; एनकाउंटर में पकड़ा गया बदमाश पढ़िए कैसे खौफजदा हो गया….?

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चुन्नीलाल प्रधान और नौशाद अली की रिपोर्ट

हापुड़ । योगी सरकार 2.0 में पुलिस का आपरेशन लंगड़ा जारी है। इससे भयभीत बड़े से बड़ा अपराधी खुद को अपराध की दुनिया से दूर रख रहा है। हापुड़ की कोतवाली पुलिस ने शुक्रवार तड़के प्रीत विहार स्थित रेलवे लाइन के पास के पास हुई मुठभेड़ के बाद शातिर लुटेरे को गिरफ्तार किया है। जबकि उसके दो साथी मौके से फरार हो गए। पैर में गोली लगने से घायल बदमाश ने अपराध न करने की दुहाई देकर पुलिस से माफी भी मांगी। बदमाश का यह वीडियो तेजी से इंटरनेट मीडिया पर भी वायरल हो रहा है। बदमाश से एक तमंचा, एक कारतूस, दो खोखा कारतूस, एक कार और चोरी के चार बैट्रा बरामद किए गए हैं।

एसपी दीपक भूकर ने बताया कि शुक्रवार तड़के कोतवाली प्रभारी निरीक्षक सोमवीर सिंह पुलिस टीम के साथ साथ क्षेत्र में गश्त कर रहे थे। इस दौरान मुखबिर ने सूचना दी कि कार में सवार होकर शातिर लुटेरे प्रीत विहार की तरफ किसी वारदात को अंजाम देने की फिराक में आ रहे हैं। सूचना पर पुलिस ने प्रीत विहार स्थित रेलवे लाइन के पास चेकिंग शुरू कर दी। इस दौरान पुलिस को एक संदिग्ध कार आती दिखाई दी। रुकने का इशारा करने पर कार सवार लुटेरों ने फायरिंग करते हुए मौके से फरार होने का प्रयास किया।

पुलिस ने घेराबंदी करते हुए जवाबी फायरिंग कर दी। पुलिस की गोली पैर में लगने से लुटेरा घायल हो गया। पुलिस ने उसे घायल अवस्था में अस्पताल में भर्ती कराया। छानबीन करने के दौरान पता चला कि लुटेरा जनपद गाजियाबद के थाना मसूरी क्षेत्र के गांव नाहल निवासी असलम पुत्र फारूख उर्फ बाबू है। वह पिछले छह माह से फरार चल रहा था। बदमाश के खिलाफ विभिन्न जनपद के थानों में संगीन धाराओं में करीब 19 मुकदमे दर्ज है। पुलिस ने बदमाश के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर ली है। गिरफ्तार लुटेरे के फरार साथियों की भी पुलिस तलाश कर रही है।

पैर में गोली लगने के बाद पुलिस ने लुटेरे को दबोच लिया था। इस दौरान एक पुलिसकर्मी ने उसकी वीडियो बनानी शुरू कर दी। लुटेरे को डर लग रहा था कि कहीं पुलिस उसका फुल एनकाउंटर न कर दे। घायल अवस्था में भी वह लूट और चोरी न करने की दुहाई देते हुए पुलिस से गोली न मारने की गुहार लगता दिख रहा है।

samachar
Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."