दुर्गा प्रसाद शुक्ला की रिपोर्ट
उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव के दौरान ‘यूपी में का बा…’ गानों की सीरीज को लेकर लोक गायिका नेहा सिंह राठौर सुर्खियों में रहीं। चुनाव के बाद सोमवार सुबह नेहा सिंह राठौर ने 3 मिनट 52 सेकेंड का एक नया गाना सोशल मीडिया पर पोस्ट किया।
नेहा का यह गाना बढ़ती महंगाई पर है। उन्होंने इस गाने का शीर्षक रखा है ”लहे-लहे खरच करा, पपुआ के माई हो”। गाने के माध्यम से उन्होंने बढ़ती महंगाई को लेकर सरकार पर निशाना साधा है। अच्छे दिन के दावे पर सवाल उठाते हुए महिलाओं का दर्द बयान किया है।
गाने में नेहा सिंह ने बताया कि नमक-तेल के साथ ही अब महिलाओं के शृंगार पर भी महंगाई की मार पड़ रही है। अब तो माथे की बिंदी और पाउडर का भी खर्च नहीं निकल पा रहा है। इसलिए थोड़ा बचाकर रुपए खर्च किया जाए। वरना आगे चलकर और भी बड़ी मुसीबत आने वाली है। नेहा सिंह ने इस गाने के जरिए महंगाई से समाज और परिवार पर कितना बुरा असर हो रहा है, यह भी बताया है।
यह है नेहा का नया गाना
घटल बा कमाई बा, बढ़ल जाता महंगाई हो कि लहे-लहे खरर्च करा…। पपुआ के माई लहे-लहे खरर्च करा। गोलुआ के माई…। झुमका झुलानिया के धनी तोहर रगरा बा…। होठललिया के रोजे-रोजे झगरा बा…। अब नाही आउडर-पाउडर-2 टिकली किनाई हो कि लहे-लहे खरर्च करा…खरर्च करा।
लहे-लहे खरच करा, पपुआ के माई हो, पाउडर -टिकली अब न किनाई हो pic.twitter.com/9lehTYfglg
— Samachar Darpan (@SamacharDarpan2) April 4, 2022
नून-तेल धनिया मरिचा, लहसून, प्याज हो, भाव सुनी-सुनी हमार खटके मिजाज हो…। कुछ दिन खातिर धानी जीभ ना मनाई हो कि लहे-लहे खरच करा…। करबा मनमानी त बिगड़ जाई ममला हो…। बच्चा नइखु रानी ओले तनी संभरा हो…। अइहे तोहार चच्चा चाहे अइहे जेठ भाई हो कि लहे-लहे ख्ररच करा…।
लोक गायक हूं, और मौजूदा समस्याएं उठाती हूं
नेहा सिंह राठौर उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान ‘यूपी में का बा’ गानों की सीरीज सोशल मीडिया पर पोस्ट करती थी तो उन्हें खासा ट्रोल भी किया जाता था। इस पर उनका कहना था कि वह किसी पार्टी या सरकार के विरोध में नहीं है। न किसी दुर्भावना के कारण वह यह गीत बनाती और गाती हैं। बल्कि लोक गायक होने के नाते वह लोगों के दुख-दर्द को आवाज देती हैं। यह काम वह आगे भी जारी रखेंगी।
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."