दुर्गा प्रसाद शुक्ला की रिपोर्ट
गोरखपुर । अपनों का कत्ले ‘आम’ बात होता जा रहा है। यहां अपनों को मौत के घाट उतारकर रिश्तों का कत्ल करने की परंपरा वर्ष 2016 में पहली बार पड़ी। करीब 40 से ज्यादा लोगों की जान उनके अपनों ने ही ली हैं। किसी में पत्नी ने पति को मारा, कहीं मां और पिता ने बेटे को मारा तो कहीं पिता ने ही बेटे की जान ले ली।
अगर हम बात करें पिछले ड़ेढ़ महीने की तो एक बार फिर अपनों की ही जान लेने के मामलों में कोई कमी आती नहीं दिख रही है। पिछले डेढ़ माह में जिले के अलग अलग स्थानों पर 9 हत्या की घटनाएं हुई हैं जिसमें 10 लोगों की जान गई। इसमें 7 लोगों की हत्या का आरोप उनके अपनों पर ही है। पांच मामलों गिरफ्तारी हो चुकी है तो दो में शक को अपनों पर ही अपनों की हत्या का शक है और पुलिस उनकी तलाश कर रही है।
सहजनवां में पत्नी ने ही गला दबाकर मारा था
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सहजनवां के भैसला गांव में 40 वर्षीय राजेंद्र सिंह की हत्याकर लाश 8 मार्च 2022 को खेत में फेंकी गई थी। पुलिस ने जांच के आधार पर राजेंद्र की पत्नी गीता और उसके प्रेमी सोनू को गिरफ्तार किया। उसकी हत्या पत्नी ने ही गला दबाकर की थी क्योंकि वह प्रेमी के साथ रहना चाहती थी।
गीडा में महिला की हत्या उसके समधी ने की
गीडा के कैली गांव में 13 फरवरी 2022 को बिंदू देवी की गला रेतकर हत्या हुई थी। इसमें उसके समधी यानी महिला के बहू के चाचा सुरेश निषाद और उनके बेटे को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। पुलिस का कहना था कि बहू के अंतर जातीय प्रेम विवाह से वह नाराज था।
गुलरिहा में मजदूर की हत्या में पत्नी का नाम
गुलरिहा में 11 मार्च 2022 को मजदूर विनोद यादव की हत्या में भी उसकी पत्नी चिंता देवी का नाम सामने आया। मृतक विनोद को शक था कि उसकी पत्नी की बात उसके दोस्त से होती है। जिसके बाद दोस्त ने उसकी हत्या की। हत्या के मामले में पुलिस ने दोस्त उमेश व ठेला मालिक प्रभु को गिरफ्तार कर जेल भिजवा दिया है। अब पुलिस पत्नी की तलाश कर रही है।
गगहा और गुलरिहा में बेटों ने की पिता की हत्या
गुलरिहा में 18 मार्च 2022 को गुलरिहा के ही जंगल एकला नंबर दो में शराब के पैसे न देने पर 45 वर्षीय विद्या पासवान की सिर कूंचकर उनके ही बेटे ने हत्या कर दी। हालांकि पुलिस ने आरोपी बेटे राहुल को गिरफ्तार कर लिया।
गगहा के कहला गांव में 24 मार्च 2022 की सुबह 60 वर्षीय जगदीश की उनके बेटे ने हत्या कर दी। पुलिस ने आरोपी बेटे राहुल को गिरफ्तार कर लिया। राहुल ने महज इस लिए हत्या की क्योंकि घर का पंखा टूट गया था। जिसे लेकर दोनों में विवाद हुआ था।
साधु की हत्या में भी बहू और बेटे के हाथ का शक
11 मार्च 2022 को पीपीगंज में साधु हंसराज की गला रेतकर हत्या कर दी गई। अभी आरोपी फरार हैं। साधु पर दो साल पहले भी चाकू से हमला हुआ था। मामले में पुलिस को शक है कि मृतक की बहू और बेटा ही हत्या में शामिल हैं। जल्द ही पुलिस उनकी गिरफ्तारी करेगी।
पिपराइच में पत्नी और बेटी ने मारा था मजदूर को
17 फरवरी 2022 को पिपराइच के नारद मुनि साहनी की हत्या कर जमीन में दफन किया गया शव मिला था। पुलिस ने मृतक की पत्नी, बेटी और बेटी के प्रेमी को गिरफ्तार कर मामले का पर्दाफाश किया था। आरोप था कि बेटी की आबरू बचाने के लिए पत्नी ने बेटी संग मिलकर उसकी गला दबाकर हत्या की थी और बेटी के प्रेमी ने शव को ठिकाने लगाया था।
पति और बेटे या पिता की हत्या में जेल बंद हैं 40 से अधिक

वर्तमान में गोरखपुर जेल में लगभग 2,300 बंदी हैं। इसमे 95 के करीब महिला और पुरूष बंदी भी हैं। इन महिला कैदियों में 20 से अधिक पति और बेटों की हत्या करने वाली हैं। इनमें रुंधा पत्नी विजय सिंह, अर्चना पत्नी डा.ओम प्रकाश, सुषमा सिंह, पत्नी विवेक सिंह, शायरा खातून पत्नी मोहम्मद हनीफ, मनीता देवी पत्नी राजदेव, पुष्पाजलि देवी पत्नी विनोद, नीलम उपाध्याय पत्नी ओंकार, आशा पत्नी विनोद आदि हैं। वहीं जेल में बंद पिता के हत्यारोपी बेटे, बेटे के हत्यारोपित पिता की भी संख्या 20 के करीब है।
ये भी हैं अपनों के हत्यारे
गोरखपुर में अपनों के कत्ल का सिलसिला 5 जनवरी वर्ष 2016 में हुआ था। जब अर्चना ने अपने प्रेमी के साथ मिलकर पति ओमप्रकाश यादव व बेटे नितिन की हत्या की थी।
22 अप्रैल 2017 की रात कैंट इलाके के कूड़ाघाट विशुन पुरवा निवासी सुषमा सिंह ने ब्वॉयफ्रेंड डब्लू सिंह के साथ मिलकर पति 35 वर्षीय विवेक प्रताप सिंह की हत्या कर दी।
27 नवम्बर 2017 को चिलुआताल निवासी मोहम्मद हनीफ की हत्या भी उसकी पत्नी शायरा खातून ने प्रेमी रज्जाक के साथ मिलकर ईंट से कुचकर किया था।
11 जून 2017 को बांसगांव के गोहली बसंत गांव में कंचन यादव ने दो साल के बच्चे अनिल और 9 माह की बच्ची नीतू को पोखरे के किनारे मिट्टी का तेल छिडकर जला कर मार दिया था।
4 मार्च 2018 को सिद्धार्थनगर जिले के गुजरवलिया गांव की रहने वाली महिला रूंधा ने प्रेमी के साथ रहने के लिए पति विजय सिंह और देवर दिनेश की हत्या करा दी।
3 अप्रैल 2018 को चिलुआताल के जंगल नकहा नंबर दो कोइलहिया निवासी हार्डवेयर व्यापारी विनोद की हत्या उसकी पत्नी आशा ने प्रेमी अनूम मोदनवाल के साथ कि थी।
18 अगस्त 2019 को गोला इलाके के एक पिता ने अपनी 19 साल की बेटी के साथ रेप करता था। बाद में उसने उसकी गला काटकर हत्या कर दी और शव को मिट्टी में दबा दिया था।
27 नवंबर 2020 को गोरखपुर के गोरखनाथ निवासी क्लीनिक कर्मचारी ओंकार उपाध्याय की हत्या भी उसकी पत्नी नीलम ने कराई थी। उसे अपने फूफा से ही इश्क हो गया था।
27 मार्च 2021 को मनोरमा ने अपने ही बेटे की शैतानियों से तंग आकर मासूम बच्चे की हत्या कर दी और शव पानी के टंकी में छिपा दिया।
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Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."