संजय सिंह राणा की रिपोर्ट
चित्रकूट- स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के तहत सरकार ग्राम पंचायतों को बनाने का सपना संजोए हुए है वहीं दूसरी ओर जिला पंचायत राज अधिकारी की उदासीनता के चलते ग्राम पंचायतों में तैनात सफाई कर्मचारी अपनी मनमानी करते हुए नजर आते हैं ग्राम पंचायतों में तैनात कई सफाईकर्मी सरकारी कार्यालयों व जिम्मेदार अधिकारियों की जी हजूरी में लगे हैं कोई अर्दली बना है तो कोई चौकीदार बना बैठा है जिसके कारण गांवों में गंदगी का अंबार लगा हुआ है l
ग्राम पंचायतों में तैनात सफाई कर्मचारियों द्वारा सफाई न किए जाने व अपनी तैनात ग्राम पंचायतों से गायब रहने व सफाई कर्मचारियों द्वारा राजस्व ग्रामों से बाहर कार्य करने से सुचारू रूप से ग्राम पंचायतों में सफाई नहीं होने की शिकायत निदेशक पंचायती राज को प्राप्त होती रही हैं जिसको देखते हुए मासूम अली सरवर निदेशक पंचायती राज उत्तर प्रदेश लखनऊ ने अपने पत्र संख्या- 2/1532/2019- 2/43/विविध/2010, भाग- 1 लखनऊ दिनांक 10 जून 2019 को प्रमुख सचिव पंचायती राज विभाग, समस्त जिलाधिकारी व समस्त मंडलीय उप निदेशक (पं) को निर्देश जारी किए थे जिसके संदर्भ में दिनेश सिंह मंडलीय उप निदेशक (पंचायत) चित्रकूट धाम मण्डल बांदा ने अपने पत्रांक 116/म.उ.नि.(पं)/एस.टी./स.क.- विविध- 75/2019- 20, दिनांक 12.06.2019 को समस्त जिला पंचायत राज अधिकारी चित्रकूट धाम मण्डल को निर्देशित किया था कि ग्राम पंचायतों में तैनात सफाई कर्मचारियों की तैनाती राजस्व ग्राम पंचायतों में कराई जाय व राजस्व ग्राम पंचायतों में सफाई कराई जाय व सफाई कर्मचारी के वेतन का भुगतान नियमानुसार संबंधित राजस्व ग्राम में उपस्थित के आधार पर ही किया जाय व यह भी निर्देशित किया गया था कि कार्यालयों में स्टाफ की कमी के चलते 4 से अधिक सफाई कर्मचारियों ज्यादा संबद्ध न करें अगर किसी दशा में चार से अधिक सफाई कर्मचारियों का संबद्ध किसी कार्यालयों में किया जाता है तो उसकी सूचना निदेशालय को जरूर अवगत कराएं व कार्यालयों में उन्हीं सफाई कर्मचारियों को संबद्ध किया जाय जो किसी संगठन के पदाधिकारी न हो इसके अतिरिक्त यह भी निर्देशित किया गया था कि सफाई कर्मचारियों के अधिष्ठान से संबंधित पटल सहायक बिना प्रमाण पत्र प्राप्त किए बगैर वेतन आहरित न करें व सफाई कर्मचारियों के अधिष्ठान पर एक ही लिपिक के कई वर्षों से कार्यरत रहने के कारण अनेकों शिकायतें शोषण व उत्पीड़न की जाती रही हैं जिसको देखते हुए एक अधिष्ठान की सीमा सिर्फ दो वर्ष निर्धारित की गई थी उसके बाद दूसरे को कार्यभार दिए जाने के निर्देश जारी थे व खाली राजस्व ग्राम पंचायतों में सफाई कर्मचारियों की तैनाती करने के निर्देश दिए गए थे लेकिन जिला पंचायत राज अधिकारी की उदासीनता के चलते जिले के पांचों ब्लाकों के सहायक विकास अधिकारी (पंचायत) अपनी मनमानी करते हुए नजर आते हैं l
जिले के पांचों ब्लाकों में सहायक विकास अधिकारी (पंचायत) की मनमानी ऐसी हावी है कि ग्राम पंचायतों में सफाई कर्मचारियों के अनुपस्थित रहने के बावजूद वेतन का भुगतान करते हैं व इन सफाई कर्मचारियों से वेतन भुगतान के नाम पर वसूली करते हैं ग्राम पंचायतों में सफाई कर्मचारियों द्वारा कार्य नहीं करने के चलते सहायक विकास अधिकारी (पंचायत) को मोटी रकम देने में नहीं हिचकिचाते हैं l
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."