Explore

Search
Close this search box.

Search

November 21, 2024 7:54 pm

लेटेस्ट न्यूज़

सुरों की मल्लिका को मरणोपरांत मिला पद्मभूषण अवॉर्ड ; सबसे लंबी हेक का कीर्तिमान इनके नाम था

16 पाठकों ने अब तक पढा

विकास कुमार की रिपोर्ट

पंजाब की लोक विरासत को संभालने वाली सुरों की मल्लिका गुरमीत बावा को मरणोपरांत पद्म भूषण अवॉर्ड देकर सम्मानित किया गया है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने उनकी बेटी गलोरी बावा को पद्म भूषण अवॉर्ड सौंपा। लंबी हेक (सुर) की मल्लिका पंजाबी लोकगायिका गुरमीत बावा ने 77 साल पंजाब की विरासत के नाम करते हुए 21 नवंबर 2021 को दुनिया को अलविदा कह दिया था।

पंजाबी सभ्यता व पंजाबी लोक गायकी को जीवित रखने वाली गुरमीत बावा ने कई पंजाबी गीतों में अपनी आवाज दी। उनका जन्म 1944 में गांव कोठे गुरदासपुर में हुआ था। उस समय पंजाब में लड़कियों को पढ़ने नहीं दिया जाता था, लेकिन गुरमीत ने शादी के बाद पढ़ाई पूरी की।

गुरमीत की शादी किरपाल बावा के साथ हुई। जिसके बाद दोनों ने मिलकर पंजाब की विरासत को संभालने की जिम्मेदारी उठाई। गुरमीत बावा अपनी बेटी लाची बावा के साल 2019 में गुजर जाने के बाद से बीमार रह रही थीं और 21 नवंबर 2019 को उन्होंने एक प्राइवेट अस्पताल में आखिरी सांस ली।

पति ने हुनर पहचाना, मुंबई तक पहुंचाया

किरपाल ने ही गुरमीत को जेबीटी कराई और फिर उनके एरिया में वह पहली महिला थीं, जो टीचर बनीं। गुरमीत बेहद सुरीली आवाज की मल्लिका थीं। शादी के बाद पति किरपाल बावा ने उनके हुनर को और निखारा। उनका साथ दिया और वह मुंबई तक पहुंच गईं। पुराने समय में बॉलीवुड और पंजाबी इंडस्ट्री की फिल्मों व गानों में जितनी भी बोलियां डाली जाती थीं, उनमें अधिकतर गुरमीत की ही आवाज होती थी।

गुरमीत का रिकॉर्ड आज तक नहीं टूटा

गुरमीत बावा को लंबी हेक की मल्लिका कहा जाता था। आज तक उनका रिकॉर्ड कोई तोड़ ही नहीं पाया। वह 45 सेकेंड तक हेक लगा लेती थीं। इतनी देर तक रुक पाना आजकल के युवाओं में किसी के बस की बात नहीं है।

बेटियों के नाम भी पंजाब की विरासत से जोड़े

गुरमीत बावा की तीन बेटियां हैं, जिनमें से एक लाची बावा थी, जिनका 2019 में देहांत हो गया। उनके अलावा गलोरी व पोपी बावा दो बेटियां हैं। यह तीनों नाम उन्होंने पंजाबी फोक म्यूजिक से जोड़कर रखे। गुरमीत बावा व लाची बावा के देहांत के बाद गलोरी बावा अब पंजाबी विरासत को संजोने का काम कर रही हैं।

पंजाब के गुरदासपुर जिले के कोठे गांव में 1944 में जन्मीं गुरमीत बावा पंजाब के लोक गीत ”जुगनी” को गाकर पूरे देश में लोकप्रिय हुईं थीं। वे लगभग 45 सेकंड तक अपने लंबे ‘हेक’ के लिए जानी जाती थीं। जार्जिया में एक कार्यक्रम के दौरान गुरमीत बावा ने जब लंबी हेक (सुर) लगाई तो उनकी इस हेक की अवधि को घड़ी के साथ मैच किया और वह हैरान हो गई। इसके बाद उस महिला ने अपनी घड़ी उतारकर उन्हें गिफ्ट कर दी थी।

गुरमीत बावा को पंजाब सरकार द्वारा राज्य पुरस्कार, पंजाब नाटक अकादमी द्वारा संगीत पुरस्कार, मध्य प्रदेश सरकार द्वारा राष्ट्रीय देवी अहिल्या पुरस्कार और पंजाबी भाषा विभाग द्वारा शिरोमणि गायिका पुरस्कार सहित कई पुरस्कार मिले थे.

samachar
Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

लेटेस्ट न्यूज़