रिपोर्ट- संजय सिंह राणा
चित्रकूट, धार्मिक नगरी चित्रकूट की स्वच्छता एवं पवित्रता को बनाये रखने की दिशा में चल रहा जिलाधिकारी का प्रयास सार्थक होता दिख रहा है। कामदगिरि स्वच्छता समिति द्वारा विगत 16 जनवरी 2022 से कामदगिरि परिक्रमा मार्ग स्वच्छता अभियान चलाया जा रहा है इस दौरान वहां के निवासियों , पण्डा, पुजारियों, धर्मशाला संचालकों सभी से पर्यावरण संरक्षण को देखते हुये प्लास्टिक व थर्माकोल का दोना, पत्तल, गिलास प्रयोग न करने के लिये निरंतर जागरूक किया जा रहा है । जिसका मंगलवार को उस समय असर देखने को मिला जब श्रीमती शुभी गुप्ता-पत्रकार संदीप अग्रहरि द्वारा बरहा के हनुमान जी में विश्व कल्याण एवं कोरोना के खात्मा की कामना को लेकर भण्डारे का आयोजन किया गया और उसमें थर्माकोल प्लास्टिक की जगह तालाब में पैदा होने वाले कमल के पत्तों, कागज की गिलास, महुवा के पत्ते से बने दोना का प्रयोग किया गया था। जिसको सभी लोगों ने सराहा ।
संदीप अग्रहरि का कहना रहा कि वह जिलाधिकारी के लोक कल्याणकारी संदेश और कामदगिरि स्वच्छता समिति द्वारा चलाये जा रहे स्वच्छता व जनजागरूकता अभियान से प्रभावित होकर कमल के पत्तों, कागज की गिलास, महुवा के पत्ते से बने दोना का प्रयोग अपने भण्डारे में लोगों को खिलाने के लिये किया है। यह पर्यावरण संरक्षण और चित्रकूट की पवित्रता के लिये दूसरों के लिये उदाहरण प्रस्तुत किया गया है अन्य लोगों को भी प्रेरणा लेनी चाहिये। वहीं प्रजापति धर्मशाला के संचालक / प्रबन्धक दर्शनानन्द का कहना है कि उन्होंने अखबारों में जिलाधिकारी का संदेश पढा था और कामदगिरि स्वच्छता समिति के लोग हमारे यहां आये थे कि प्लास्टिक और थर्माकोल के दोना, पत्तल भण्डारे में प्रयोग नहीं कराना है इसलिये हमने यहां कह रखा है कि जो भण्डारा करने आवे वह पत्तों का ही दोना पत्तल और कागज की गिलास प्रयोग करे थर्माकोल प्लास्टिक का प्रयोग हमारे धर्मशाला में अब नहीं होगा।
इस अवसर पर समाजसेवी भगवानदास गुप्ता, श्रीमती गायत्री देवी, मनोज अग्रहरि ने कहा कि भण्डारे में इसी तरह अन्य लोगों को भी प्लास्टिक थर्माकोल की जगह पत्तों से बने दोना, पत्तल का प्रयोग करना चाहिये इससे पर्यावरण का संरक्षण होगा और धार्मिक नगरी की स्वच्छता पवित्रता बनाये रखने में मदद मिलेगी।
Author: samachar
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