Explore

Search
Close this search box.

Search

19 January 2025 12:11 am

लेटेस्ट न्यूज़

होली की गूंज से गुंजायमान ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह पर जानिए कैसे बिखेरा जाता है जलवा-ए-होली

40 पाठकों ने अब तक पढा

इरफान कुरैशी की रिपोर्ट

अजमेर। सूफी संत हजरत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती जो इंसानी बराबरी और आपसे मोहब्बत का पैगाम लेकर यहां आए थे । उनका दर आज भी सभी धर्मों के लोगों के लिए अकीदत का केंद्र है।

होली मस्ती और रंगों का त्योहार है। होली के अनेक रंगों को एक दूसरे के गाल पर लगा कर और गले मिल कर मुबारकबाद दी जाती है। होली के इस मुबारक मौके पर गुरुवार को ख्वाजा साहब की दरगाह में भी होली के कलाम गूंजे। बड़ी संख्या में अकीदतमंद शामिल हुए।

दरगाह की शाही चौकी के कव्वाल इफ्तेखार हुसैन और साथियो ने यह कलाम पेश किए । दरगाह परिसर में होली के कलामों की गूंज सुनकर बड़ी संख्या में आशिकाने ख्वाजा जमा हो गए।

इसके अलावा भी कव्वालों ने गरीब नवाज की शान में मनकबत के नजराने पेश किए। इफ्तिखार हुसैन ने बताया कि होली के मौके पर खास तौर से कलाम पेश किए जाते हैं ।

धुलंडी के दिन भी दरबार ए ख्वाजा में होली के कलाम पेश किए जाएंगे । उन्होंने कहा कि इसकी वजह यही है कि गरीब नवाज का पैगाम ही सबसे मोहब्बत करना है । लोग आपस में एक दूसरे से मोहब्बत करें, नफरत दूर हो यही कामना रहती है।

दरगाह में बसंत भी होता है पेश

कौमी एकता को बढ़ावा देने के लिए गरीब नवाज के दर पर बसंत पंचमी के बाद चांद की 5 तारीख को बसंत भी पेश किया जाता है। कव्वालों द्वारा यह रस्म अदा की जाती है । दरगाह दीवान और उसके प्रतिनिधि के साथ ही बड़ी संख्या में खादिम भी इसमें शामिल होते हैं।

samachar
Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

लेटेस्ट न्यूज़