राकेश सूद की रिपोर्ट
पंजाब में सियासी बदलाव के कयास तो पहले से थे, लेकिन आज आए चुनाव नतीजों ने तो बदलाव की नई परिभाषा तय कर दी है। यहां आम आदमी पार्टी ने न सिर्फ बहुमत के आंकड़े को पीछे छोड़ दिया, बल्कि विनिंग सीट्स का ऐसा पहाड़ खड़ा कर दिया कि कांग्रेस, अकाली दल और भाजपा समेत उसके सहयोगी मिलकर भी आप के लगभग चौथाई हिस्से तक ही पहुंच पा रहे हैं।
आप के CM कैंडिडेट भगवंत मान ने 45 हजार वोट से रिकॉर्ड जीत दर्ज की है, वहीं मौजूदा CM चरणजीत चन्नी अपनी दोनों सीटों से चुनाव हार गए हैं। दोनों ही सीटों पर उन्हें आप कैंडिडेट ने हराया। उनके अलावा नवजोत सिंह सिद्धू, कैप्टन अमरिंदर सिंह, सुखबीर सिंह बादल भी चुनाव हार चुके हैं। ताजा रुझान यहां देखें…
कुल सीटें कांग्रेस AAP अकाली+ भाजपा+ अन्य
117 19 91 4 2 1
केजरीवाल बोले- मुझे आतंकवादी कहने वालों को जवाब मिला
बंपर जीत के केजरीवाल ने कहा, ‘आपने देखा कि पंजाब में कितने बड़े षड़यंत्र किए गए। आखिर में ये सारे इकट्ठे होकर बोले कि केजरीवाल आतंकवादी है। इन नतीजों के जरिए देश की जनता ने बता दिया कि केजरीवाल आतंकवादी नहीं है, केजरीवाल देश का सच्चा सपूत है। केजरीवाल सच्चा देशभक्त है।’
शपथ समारोह भगत सिंह के गांव में होगा
जीत के बाद भगवंत मान ने पंजाब की जनता को संबोधित किया। वे कल पद की शपथ लेंगे। शपथ समारोह भी राजभवन की जगह शहीदे आजम भगत सिंह के पैतृक गांव खटकड़ कलां में होगा। इससे पहले CM की शपथ राजभवन में होती रही है। शपथ लेने से पहले मान शहीदी स्मारक पर माथा टेकने भी जाएंगे।
पंजाब में आप मुद्दों पर अड़ी थी। अचानक गांवों से बदलाव की बात निकली, तो अरविंद केजरीवाल ने तुरंत प्रचार का तरीका बदला। वे एक मौका मांगने लगे। इसका बड़ा असर मालवा में दिखा, जहां 69 में से 65 सीटें आप जीत गई।
कांग्रेस ने आप को बाहरी पार्टी बताया। मौका देख केजरीवाल ने भगवंत मान को सीएम चेहरा घोषित कर दिया। फीडबैक से लेकर घोषणा तक इसे इस कदर इवेंट बनाया कि समर्थकों से लेकर विरोधियों की जुबान पर यह बात चर्चा में रही। जब केजरीवाल के मौके मांगने पर सवाल हुआ, तो तुरंत स्लोगन बदलकर एक मौका भगवंत मान के नाम पर मांगने लगे।
AAP की बड़ी चिंता पंजाब में चुनाव लड़ रहे 22 किसान संगठनों का संयुक्त समाज मोर्चा था। किसान नेता बलबीर राजेवाल आप से गठजोड़ की बात नकारते रहे, लेकिन केजरीवाल ने खुलकर इसे कबूल किया। केजरीवाल ने कह दिया कि वह 90 सीटें घोषित कर चुके, बची सीटें लेने के लिए राजेवाल नहीं माने। गांवों में किसान नेताओं की सत्ता लालसा का संदेश जाने से वोट नहीं बंटे।
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Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."