राकेश सूद और विकास कुमार की रिपोर्ट
सालभर से किसान आंदोलन को लेकर सुर्खियों में रहा पंजाब चुनावी चौखट पार कर चुका है। चुनाव से पहले मुख्यमंत्री की बेदखली और फिर गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी के मामले भी खबरों में बने रहे। हालांकि आज इन सबसे इतर चर्चा चुनाव परिणाम की है। बस कुछ देर के इंतजार के बाद तस्वीर साफ हो जाएगी कि पंजाब का प्रधान कौन बनेगा? चन्नी करेंगे चमत्कार या कैप्टन संभालेंगे कमान… या फिर मान का बढ़ेगा सम्मान…
शुरुआती रुझानों में आम आदमी पार्टी पंजाब में दिल्ली की कहानी दोहराकर जोरदार बहुमत हासिल करती नजर आ रही है। दूसरे नंबर के लिए कांग्रेस और अकाली दल में कड़ी टक्कर है। हालांकि यह केवल रुझान हैं और नतीजों के लिए थोड़ा इंतजार करना होगा। अब तक के रुझान यहां देखें…
कुल सीटें कांग्रेस AAP अकाली भाजपा+ अन्य
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काउंटिंग अपडेट्स..
पंजाब के दिग्गज नेता अपनी सीटों पर पिछड़ते नजर आ रहे हैं। इनमें CM चरणजीत चन्नी, कैप्टन अमरिंदर सिंह, नवजोत सिंह सिद्धू और सुखबीर सिंह बादल शामिल हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह पटियाला शहर सीट से पीछे चल रहे हैं।
CM चरणजीत सिंह चन्नी भदौड़ और चमकौर साहिब सीट से पीछे चल रहे हैं। उनके सभी मंत्री भी पिछड़ते नजर आ रहे हैं।
अमृतसर ईस्ट सीट से पंजाब कांग्रेस के प्रधान नवजोत सिंह सिद्धू पिछड़कर तीसरे नंबर पर पहुंच गए हैं।
पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी चमकौर साहिब में गुरुद्वारा श्री कतलगढ़ साहिब में माथा टेकने पहुंचे।
आप के CM कैंडिडेट भगवंत मान ने संगरूर के गुरुद्वारा साहिब में माथा टेका। उनके घर सुबह से जलेबियां बननी शुरू हो गईं और घर को सजाया भी गया है।
प्रशासन की पूरी तैयारी न होने के कारण नवांशहर जिले के बलाचौर में वोटों की गिनती पूरे 21 मिनट की देरी से 8:21 बजे शुरू हुई।
पिछले चुनाव से 5% कम वोटिंग
पंजाब में इस बार वोटिंग 2017 के 77.20% की तुलना में करीब 5% घटकर 71.95% रह गई। पिछले 5 चुनावों की बात करें तो मतदान भले ही कम या ज्यादा हुआ हो, लेकिन बहुमत जरूर मिलता है। पंजाब में सरकार बनाने में मालवा रीजन का सबसे अहम रोल माना जाता है। ऐसा इसलिए, क्योंकि अकेले मालवा में ही विधानसभा की 69 सीटें हैं। 2017 के चुनाव में कांग्रेस ने यहां की 40 सीटें जीतकर सत्ता हासिल की थी। साल 2012 में अकाली दल ने मालवा से 33 सीटें जीती थीं, तब उनकी सरकार बनी थी।
अमृतसर ईस्ट – यहां से पंजाब कांग्रेस चीफ नवजोत सिद्धू और दिग्गज अकाली नेता बिक्रम मजीठिया के बीच मुकाबला है। 2017 में नवजोत सिद्धू ने यहां से चुनाव जीता था। इस बार सिद्धू के चुनौती देने पर बिक्रम मजीठिया उनके खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं। सिद्धू और मजीठिया आज तक एक भी चुनाव नहीं हारे हैं। ऐसे में इस सीट से किसी एक की सियासी हार होनी तय है। यहां दोनों के बीच कांटे का मुकाबला है।
भदौड़ – सीएम चरणजीत चन्नी चमकौर साहिब के अलावा इस सीट से भी चुनाव मैदान में हैं। यहां उन्हें आम आदमी पार्टी के लाभ सिंह उगोके से कड़ी टक्कर मिल रही है। चन्नी 2022 में कांग्रेस का सीएम चेहरा भी हैं, इसका उन्हें फायदा मिल रहा लेकिन वह बाहरी हैं और 2 सीटें जीतने के बाद भदौड़ छोड़ सकते हैं, इस वजह से आप को समर्थन मिल रहा है। चन्नी की इस सीट को लेकर आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने भी हार की भविष्यवाणी की है। इस वजह से सबकी नजर इस सीट पर है।
धूरी – यहां से आम आदमी पार्टी का सीएम चेहरा भगवंत मान चुनाव लड़ रहे हैं। उनका मुकाबला कांग्रेस के युवा नेता दलवीर सिंह गोल्डी से है। मान दो बार लगातार सांसद चुने जा चुके हैं। धूरी सीट भी उनके ससंदीय क्षेत्र में आती है। हालांकि इससे पहले वह जलालाबाद और लेहरा से विधानसभा चुनाव हार चुके हैं। वहीं गोल्डी से उन्हें कड़ी टक्कर मिल रही है।
पटियाला – यहां से पूर्व सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह चुनाव लड़ रहे हैं। कांग्रेस ने चुनाव से करीब साढ़े 3 महीने पहले उन्हें कुर्सी से हटा दिया। उन्होंने कांग्रेस छोड़ दी और नई पार्टी पंजाब लोक कांग्रेस बनाकर भाजपा से गठबंधन कर लिया। पटियाला सीट पर उन्हें आम आदमी पार्टी कैंडिडेट अजीत पाल कोहली से कड़ी टक्कर मिल रही है।
मोगा – यहां से बॉलीवुड स्टार सोनू सूद की बहन मालविका सूद चुनाव लड़ रही है। उन्हें कांग्रेस ने टिकट दी है। जिसके बाद कांग्रेस के मोगा से सिटिंग विधायक हरजोत कमल ने कांग्रेस छोड़ दी और भाजपा की टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं। मतदान के दिन भी मोगा में पोलिंग बूथों पर घूम रहे सोनू सूद को पुलिस ने रोक लिया और उनकी गाड़ी तक जब्त कर ली।
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."